रोमांस गीत : प्यार की संभावना...

सुशील कुमार शर्मा
भव्य-सी तुम भावना हो,
मधुर-सी सद्भावना हो।
सादगी में खुद को समेटे,
प्यार की संभावना हो।
 
भाव आंखों में समेटे,
लाज तन से लपेटे।
मधुर-सी मुस्कान लेके,
सारी खुशियां समेटे।
 
नेह आंखों से बरसे,
प्रेम को मन ये तरसे।
रिमझिम के इस मौसम में,
जिया मिलने को तरसे।
 
शब्द का श्रृंगार बनके,
प्रेम का आधार बनके।
मुस्कुरातीं-सी अदाएं,
खड़ी है प्यार बनके।
 
जियो तुम सौ बरस तक,
खुश रहो उम्रभर तक।
संग हैं सद्भावनाएं,
पहुंच जाओ मंजिलों तक। 
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