हेलो दोस्त ो! जब सालोंसाल कोई प्रेमी जोड़ा एक-दूसरे की चाहत में डूबा रहता है। तब उन्हें देखकर ऐसा लगता है कि चाहे जीवन में कैसा भी तूफान क्यों न आ जाए वे जुदा नहीं होंगे। वे एक-दूसरे का साथ नहीं छोड़ेंगे। समाज, परिवार, धर्म और वर्ग आदि की सीमाएँ उन्हें आगे बढ़ने से नहीं रोक पाएँगी।
फिर चाहे किसी दूसरे को उनके इरादों पर विश्वास न भी हो पर वे खुद आँखें बंद कर अपने साथी पर विश्वास करते हैं। आपस में किए गए कसमों-वादों को गीता का वचन मानते हैं। उनकी इस प्रेम-भक्ति को देखते हुए ऐसा लगता है कि इनके प्रेम का स्रोत अनंतकाल तक बहता ही रहेगा। इसमें आई बाधा से ये अपनी जान ही दे देंगे। पर कई बार ऐसा होता है कि परिवारवालों के भावुक उलाहने और धमकी से कोई एक व्याक्ति पीछे हट जाता है। कभी अपनी माँ तो कभी समाज का दबाव बताकर साथ छोड़ देता है। उस समय दोस्तों, रिश्तेदारों, परिवारजनों को उतना आश्चर्य नहीं होता जितना कि ठुकराए गए साथी को।
क्योंकि ठुकराए गए साथी ने ही उस बेवफा की चाहत को पूरी शिद्दत से महसूस किया है, जाना है। उस बेवफा ने उससे हजारों बार कसमें ली हैं। उसके कदमों में गिरकर प्यार की भीख माँगी है। हमेशा प्यार बरसाते रहने की मिन्नतें की हैं और आज वह बड़ी आसानी से अपनी कोई मजबूरी दिखाकर पीछे हट रहा है। इसे ठुकराया गया साथी कैसे बर्दाश्त करे।
इसीलिए इस प्रकार के निर्णय से वह बेहद विचलित हो जाता है। उसका दिल इतनी बुरी तरह से टूट जाता है कि वह अवसाद में चला जाता है। कई बार उसका मानसिक संतुलन बिगड़ने लगता है और वह जीवन से निराश होकर आत्महत्या तक की कोशिश कर डालता है।
एक व्यक्ति के लिए वह प्यार जो वरदान था अभिशाप बन जाता है। प्रश्न यह उठता है कि इस प्रकार ठुकरा दिए जाने पर क्या अपनी जिंदगी को तबाह कर लेनी चाहिए? एक ऐसा व्यक्ति जिसने आपको ठुकराते समय रत्ती भर भी आपकी परवाह नहीं की क्या उसके लिए बाकी का जीवन भी भेंट चढ़ा देना उचित है? उस बेवफा की चाहे जो भी मजबूरी रही हो, भावनाओं की इतनी लंबी राह साथ तय करने के बाद इस प्रकार बीच से उसका भाग खड़ा होना माफ किया जा सकता है? ऐसे लोगों से प्यार की भीख माँगना, गुहार करना किसी भी प्रकार जायज नहीं है। वह व्यक्ति किस चरित्र का है, इसे विश्लेषण करने की जरूरत अब नहीं है।
अगर इस प्रकार के प्रेमी घरवालों के भावुक फैसले का सम्मान करते हुए पीछे हट जाते हैं तो इसका सीधा मतलब होता है वह अपने साथी की अपेक्षा अपने परिवारवालों को तरजीह दे रहा है। उसे आपकी नहीं, केवल अपनी परवाह है। आपके प्रति उसकी क्या भावना है वह इस निर्णय से ही साफ है।
जब इस प्रकार एक प्रेमी किसी निजी बहाने को आधार बनाकर बेवफाई करता है तो उसे बार-बार संपर्क नहीं करना चाहिए। उसे तंग करने पर वह कई बार यह कहकर पीछा छुड़ा लेता है कि कुछ साल इंतजार करो, सब ठीक होते ही हम एक साथ हो जाएँगे। क्या इन वादों पर भरोसा करना समझदारी होगी? जो शख्स सालों से दुहराते वादे को नहीं निभा सका वह अब कर रहा वादा कैसे निभाएगा। वह जा चुका है यह मान लेने में ही आपकी भलाई है।
जीवन में जब कोई भ्रम टूटता है तो उससे निराश होने के बजाय खुद को आशाओं से भरना चाहिए। प्रेम करना दरअसल परीक्षा देने के समान होता है। समय-समय पर भावना, विश्वास, समर्पण, चरित्र आदि की परीक्षा देनी ही पड़ती है।
किसी के लिए अपना जीवन समर्पित कर देने में कोई बुराई नहीं है पर वह पात्र भी उसका हकदार होना चाहिए। अपने-आपको बेवकूफ बनाए जाने की किसी को इजाजत देना किसी भी प्रकार सही नहीं है। ठुकराया गया व्यक्ति यही सोचता रहता है कि वह कितना अभागा है, उसकी तकदीर कितनी खराब है जो मेरा प्रेमी मुझे ठुकराकर चला गया। पर सच यह है कि आप भाग्यशाली हैं जो आपको उसकी नीयत का पता चल गया है। इसे आप ऐसे समझें कि आपके घर कोई व्यक्ति हमेशा आता था।
आप उस पर भरोसा करने लगे, धीरे-धीरे अपना घर-बार भी उस पर छोड़कर जाने लगे। आपकी ज्यादातर जमा-पूँजी के विषय में वह जानता है पर अभी भी आपने उसे बहुत सारी संपत्ति के बारे में नहीं बताया है। वह व्यक्ति किसी भी कारण से मजबूरीवश या चालाकी से आपका माल लेकर चंपत हो जाता है। संपर्क करने पर वह उचित जवाब नहीं दे पाता है। उसके इस धोखे व चालबाजी पर रोना चाहिए या जो कुछ बच गया है और आगे बच सकता है उस पर खुश होना चाहिए।
जीवन में जब कोई भ्रम टूटता है तो उससे निराश होने के बजाय खुद को आशाओं से भरना चाहिए। प्रेम करना दरअसल परीक्षा देने के समान होता है। समय-समय पर भावना, विश्वास, समर्पण, चरित्र आदि की परीक्षा देनी ही पड़ती है। आप यह समझें कि आप पास हो गए हैं और दूसरा फेल हो गया। क्या पास होने वाले को दुखी होना चाहिए। जिसने सच्चाई से अपनी मुहब्बत को निभाया है उसे जरूर उसका कद्रदान मिलेगा। जिसने गलत ढंग से दिल तोड़ा है उसे कभी सच्ची मुहब्बत नसीब नहीं होगी।
जीवन की सच्चाई को स्वीकार करते हुए आगे बढ़ना ही आज का लव-मंत्र है। अपनी जिंदगी, अपने समय का सम्मान करें। यह लव-मंत्र एक ऐसी लड़की के जवाब में है जो बेवफा साथी से लौट आने की गुहार कर रही है और उसकी याद में अपना मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य खराब कर रही है।