खुल्लमखुल्ला प्यार करेंगे हम दोनों

प्यार का यह तरीका कितना सही?

Webdunia
मंगलवार, 29 जुलाई 2008 (16:33 IST)
- गायत्री शर्मा

राष्ट्रपिता म‍हात्मा गाँधी ने कहा था- 'बुरा मत देखो, बुरा मत बोलो और बुरा मत सुनो' परंतु आजकल के ‍‍सिरफिरे युवाओं ने इस उक्ति को ‍ही पलटकर रख दिया है। नवयुग के सूत्रधार इन युवाओं का मानना है कि जिंदगी को बिंदास बनकर जियो और जो भी करना है खुल्लमखुल्ला करो।

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' खुल्लमखुल्ला प्यार करेंगे हम दोनों, इस दुनिया से नहीं डरेंगे हम दोनों...' ऋषि कपूर और नीतू सिंह पर अभिनीत इस गीत की तरह आज के युवा भी खुल्लमखुल्ला प्यार में यकीन करने लगे हैं। पश्चिम की तर्ज पर प्यार का यह नया ट्रेंड भारतीय युवाओं द्वारा भी अपनाया जा रहा है। खासकर समाज के ऊँचे तबके के लोगों में तो यह स्टेटस सिंबल बन रहा है। शर्म की सारी हदें लाँघता प्यार का यह नया ढंग भारतीय संस्कृति पर प्रश्नचिन्ह लगाने के साथ ही हमारे बड़े-बुजुर्गों को आँखें मूँदने पर विवश कर रहा है।

इजहारे मोहब्बत के इस नए ढंग ने हर शहर में लवर्स पार्क व लवर्स स्पॉट बना दिए हैं, जहाँ प्रेमी युगल बगैर किसी रोकटोक के प्रेम का इजहार करते हैं। प्रेम का यह नया अंदाज इतना आधुनिक होता है कि वहाँ से गुजरने वाले लोगों को अपना रास्ता बदलना पड़ता है।

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लाज-हया की सारी हदें लाँघ चुके इन युवाओं में अक्सर वे युवा होते हैं जो नौकरी की तलाश में अपने घर-परिवार से दूर किसी अन्य शहर में निवास करते हैं। किसी रोकटोक के बगैर अपनी मर्जी से जीवन जीने की चाह और अकेलापन इन्हें नए संबंध बनाने को मजबूर कर देता है। कभी-कभी आरामी जिंदगी और चंद रुपयों की चाह में ये युवा अपना स्वाभिमान तक बेच देते हैं।

कार के काले शीशों के पीछे, झाडि़यों में, पेड़ों की आड़ में... जरा झाँककर देखिए तो सही। चौंक गए ना आप? इसे देखकर एक पल के लिए आप भ‍ी कह उठे ना- ये क्या हो रहा है?

मुंबई का मरीन ड्राइव, दिल्ली का बुद्धा गार्डन, कोलकाता का विक्टोरिया मेमोरियल, बड़ौदा का लवर्स पार्क, इन्दौर का मेघदूत गार्डन... सभी जगह प्यार में लिप्त आलिंगनबद्ध लैला-मजनुओं को देखा जा सकता है। एकांत को तलाशते व पुलिस की फटकार से मुँह छुपाते ये युवा भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति का मखौल उड़ाते नजर आते हैं।

  जैसा कि कहते हैं कि युवा गर्मजोश होते हैं। उनकी प्रवृत्ति उस चीटे की तरह होती है जिसे जिस तरफ धकेलो वह उसकी विपरीत दिशा में चलता है। उसी प्रकार मनचले युवा भी वही कार्य करते हैं जिसके लिए उन्हें मना किया जाता है।      
प्यार एक ऐसा अनुभव है जिसकी गोपनीयता ही अच्छी होती है। संयम ही सुखी जीवन का सूत्र है। प्यार प्रदर्शन का नाम नहीं बल्कि अहसासों का नाम है, जो दो दिलों को जोड़ता है। प्रेम करने में कोई बुराई नहीं है, पर उसकी अभिव्यक्ति शालीनता से होना चाहिए।

वक्त से आगे बढ़ने की चाह कहीं आपसे आपका साथी न छीन ले इसलिए जो भी करें सोच-विचारकर करें। अपने बड़े-बुजुर्गों का सम्मान करें जिससे उन्हें आप पर नाज हो, न कि वे आपकी हरकतों से शर्मसार हों।

सार्वजनिक प्रेम प्रदर्शन का कारण:-
जैसा कि कहते हैं कि युवा गर्मजोश होते हैं। उनकी प्रवृत्ति उस चीटे की तरह होती है जिसे जिस तरफ धकेलो वह उसकी विपरीत दिशा में चलता है। उसी प्रकार मनचले युवा भी वही कार्य करते हैं जिसके लिए उन्हें मना किया जाता है।

घरों में प्राइवेसी की कमी के कारण केवल प्रेमी-प्रेमिका ही नहीं बल्कि नवविवाहित जोड़े भी निजी पलों की तलाश में लवर्स पार्क का रुख कर लेते है। माँ-बाप की अनदेखी तथा समाज व परिवार की बंदिशें उन्हें ऐसा करने पर विवश करती है।

कानून की मानें तो:-
भारतीय दण्ड संहिता की धारा 294 के अनुसार सार्वजनिक स्थानों पर अश्लील हरकतों के माध्यम से प्रेम प्रदर्शन करते हुए पाए जाने पर 3 माह तक की सजा या जुर्माना या फिर दोनों से दंडित किया जा सकता है।
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