जिनेवा। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने कहा है कि रूस के हमले के बाद से अब तक 40 लाख से ज्यादा लोग यूक्रेन छोड़ चुके हैं। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यूरोप में यह सबसे बड़ा शरणार्थी संकट है। शरणार्थियों के लिए संरा उच्चायुक्त ने एक वेबसाइट पर बुधवार को पोस्ट किया कि अब तक लगभग 40 लाख 10 हजार लोग यूक्रेन छोड़ चुके हैं।
इनमें से 23 लाख लोग पोलैंड में प्रवेश कर चुके हैं। सहायता कर्मियों ने कहा कि यूक्रेन में लगभग 65 लाख लोग बेघर हो गए हैं। रूस-यूक्रेन जंग का आज 35वां दिन है। इस दिन के साथ युद्ध विराम की उम्मीद भी जगी है। दरअसल, दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को इस्तांबुल में मिले थे। यहां कीव और चर्नीहीव पर हमले कम करने को लेकर सहमति बनी। वार्ता के बाद पुतिन और जेलेंस्की के बीच सीधी मुलाकात की उम्मीद भी जगी है।
चेर्नीहीव के मेयर व्लादिस्लाव अट्रोशेंको ने कहा है कि रूस ने अपने सैन्य अभियान को धीमा करने का वादा करने के बावजूद चेर्नीहीव पर हमले तेज किए हैं। उन्होंने कहा कि यह इस बात का एक और सबूत है कि रूस झूठ बोलता है। वो कह रहे हैं कि हमले कम किए जाएंगे, लेकिन असलियत यह है कि हमले और तेज हुए हैं।
खारकीव से अपने पिता के साथ पोलैंड पहुंचे युवक निकाले नजारोव ने कहा, मैं नहीं जानता कि क्या हम अब भी रूस पर भरोसा कर सकते हैं? रूस द्वारा मंगलवार को कीव और अन्य जगहों पर सैन्य कार्रवाई में कटौती करने का आश्वासन दिए जाने के बावजूद नाजरोव को इस वादे पर भरोसा नहीं है।
यूक्रेनी नागरिक ने कहा कि उन्हें पूर्वी यूक्रेन में हमले और तेज होने की आशंका है। उन्होंने कहा, ऐसे में खारकीव वापस नहीं जा सकते। हम पूर्वी यूक्रेन में युद्ध के नए चरण को लेकर भयभीत हैं।