रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के 13 दिन हो गए हैं। दोनों देशों के बीच तनाव लगातार बना हुआ है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की तरफ से युद्ध में रूस को नुकसान को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं। जेलेंस्की का कहना है कि इस युद्ध के कारण रूस ने अपने उतने हथियार गंवा दिए हैं, जितने शायद वह अपने 30 सालों में भी नहीं गंवा पाता। जेलेंस्की ने कहा कि इस युद्ध में अभी तक रूस के 12 हजार से ज्यादा सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया गया है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि वह किसी से डरते नहीं हैं और ना कहीं छिपते हैं बल्कि अभी राजधानी में अपने कार्यालय में रह रहे हैं।
मैं छुपा नहीं हूं : जेलेंस्की ने सोमवार को अपने आधिकारिक टेलीग्राम चैनल पर पोस्ट वीडियो में कहा था कि मैं यहां रहता हूं। मैं कीव में रहता हूं। बैंकोवा स्ट्रीट पर। मैं छिपा नहीं हूं। और मैं किसी से नहीं डरता। गत 24 फरवरी को यूक्रेन-रूस संघर्ष शुरू होने के बाद से जेलेंस्की को पहली बार कीव में उनके कार्यालय में देखा गया था।
सीएनएन ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि रूसी आक्रमण शुरू होने के तुरंत बाद उनकी सरकार के सदस्यों के साथ एक संक्षिप्त बाहरी उपस्थिति के अलावा, यह पहली बार है जब उन्हें अपने बंकर के बाहर देखा गया है। राष्ट्रपति ने कहा कि हम सब युद्ध में हैं। हम सभी अपनी जीत में योगदान करते हैं, जो निश्चित रूप से हासिल किया जाएगा। हथियारों और हमारी सेना के बल से। शब्दों के बल और हमारी कूटनीति से। आत्मा के बल से, जो पहला, दूसरा और प्रत्येक हमारे पास है।
ज़ेलेंस्की ने कहा कि आक्रमणकारियों के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले यूक्रेनियन नायक थे। उन्होंने कहा,“हमारे देश के दक्षिण में, इस तरह का एक राष्ट्रीय आंदोलन सामने आया है, यूक्रेनियन की इतनी शक्तिशाली अभिव्यक्ति जो हमने वहां की गलियों और चौकों में कभी नहीं देखी। रूस के लिए यह एक बुरे सपने जैसा है।
जेलेंस्की ने कहा कि वे भूल गए कि हम टैंक और मशीनगनों से नहीं डरते हैं। जब सच्चाई जैसी मुख्य बात हमारी तरफ है। हम सब कुछ पुनर्निर्माण करेंगे। हम रूस के किसी भी शहर की तुलना में आक्रमणकारियों द्वारा नष्ट किए गए हमारे शहरों को बेहतर बना देंगे। ज़ेलेंस्की ने सोमवार को 96 यूक्रेनी सैनिकों को यूक्रेन के राज्य पुरस्कार प्रदान करने के लिए एक डिक्री पर भी हस्ताक्षर किए।
20 लाख का पलायन : यूक्रेन के दो संकटग्रस्त शहरों से लोगों की निकासी के लिए बसें मंगलवार को सुरक्षित गलियारों से निकलीं, वहीं अधिकारियों ने कहा कि रूस के हमलों के बाद यूक्रेन छोड़कर जाने वाले लोगों की संख्या मंगलवार को 20 लाख पहुंच गई।
रूस के हमलों के बाद यूक्रेन के कुछ इलाकों में लोग फंस गये हैं जहां उनके पास खाना, पानी और दवाओं की कमी हो रही है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह यूरोप में सबसे बड़ा युद्ध चल रहा है।
नये सिरे से हमलों के बीच निकासी मार्ग बनाने के पहले के प्रयास विफल होते दिखे थे। लेकिन यूक्रेन के अधिकारियों ने मंगलवार को कुछ वीडियो पोस्ट किए जिनमें लोगों से खचाखच भरी बसों को देखा जा सकता है। ये बसें पूर्वी शहर सूमी और अन्य इलाकों से बर्फ से ढकी एक सड़क पर चलती देखी जा सकती हैं। हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि अभियान कितना लंबा चलेगा।
यूक्रेन की सरकारी संवाद एजेंसी ने ट्वीट किया कि यूक्रेन के सूमी शहर को ग्रीन कॉरिडोर प्रदान किया गया है, पहले चरण की निकासी शुरू। ये बसें यूक्रेन के दूसरे शहरों की ओर रवाना हुई हैं, लेकिन अधिकतर लोग देश छोड़कर ही जाना चाहते हैं।
संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय विस्थापन संगठन की प्रवक्ता सफा मसेहली ने ट्वीट किया कि 20 लाख लोग देश छोड़कर जा चुके हैं जिनमें कम से कम एक लाख लोग वो हैं जो यूक्रेन के नहीं हैं।
रूसी विमानों ने रातभर पूर्वी और मध्य यूक्रेन के शहरों पर बम गिराए। यूक्रेन के अधिकारियों ने बताया कि राजधानी कीव के उपनगरों में भी गोलाबारी हुई।
मेयर अनातोल फेदोरुक ने कहा कि हम भारी हथियारों से दिन-रात हो रही गोलाबारी के कारण शवों को एकत्रित भी नहीं कर पाए। शहर की सड़कों पर कुत्ते शवों को खींच रहे हैं। यह एक दु:स्वप्न है।
यूक्रेन में मानवीय प्रयासों के लिए रूस के समन्वय केंद्र और यूक्रेन की उप प्रधानमंत्री इरिना वेरेश्चुक दोनों ने कहा कि कुछ नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए मंगलवार की सुबह से संघर्ष-विराम शुरू होने पर सहमति बनी, लेकिन यह साफ नहीं है कि ये सभी कॉरिडोर कहां जाएंगे।
रूस के समन्वय केंद्र ने कहा कि एक से अधिक गलियारे होंगे, लेकिन अधिकतर प्रत्यक्ष रूप से या बेलारूस के रास्ते रूस की तरफ जाएंगे। हालांकि संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत ने सुझाया कि अनेक शहरों से कॉरिडोर खोले जा सकते हैं और लोग उनमें से चुन सकते हैं कि किस दिशा में जाएंगे।
वेरेश्चुक ने इस बीच केवल इतना कहा कि दोनों पक्षों ने पूर्वी शहर सूमी से नागरिकों को यूक्रेन के पोल्तावा शहर की ओर भेजने पर सहमति जता दी है। उन्होंने कहा कि सूमी से निकाले जाने वाले लोगों में भारत और चीन के विदेशी छात्र भी शामिल होंगे।
इसके बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति के सहयोगी किरिलो तिमोशेंके ने पीली बसों का एक वीडियो साझा किया जिनमें एक तरफ रेड क्रॉस का पोस्टर लगा है। उन्होंने कहा कि ये पोस्टर मारियुपोल से जापोरिजिया शहर की ओर निकासी दिखाते हैं।
वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि यूक्रेनी बल अभूतपूर्व साहस दिखा रहे हैं। उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा कि समस्या यह है कि यूक्रेन के एक सैनिक के सामने रूस के 10 सैनिक हैं और एक यूक्रेनी टैंक के सामने 50 रूसी टैंक हैं। शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त फिलिपो ग्रांडी ने ट्विटर पर लिखा, आज यूक्रेन छोड़कर जाने वाले शरणार्थियों की संख्या 20 लाख हो गयी है।
यह जानकारी ऐसे समय में आई है जब सुरक्षित गलियारों से नागरिकों को निकालने के प्रयासों को लेकर अंतत: मंगलवार को उम्मीद नजर आई। रूसी हमलों से बचने के लिए वहां के अधिकारियों ने नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए जिन पांच गलियारों का वादा किया है, उनमें एक पूर्वी शहर सूमी से निकलने का भी है।