नई दिल्ली। भारत ने शनिवार को कहा कि पूर्वी यूक्रेन के सूमी में फंसे करीब 700 भारतीयों को निकालने पर अब उसका मुख्य जोर है जहां पर गोलाबारी और हवाई हमले देखे गए हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने संवाददाताओं से कहा कि हमारी जानकारी के मुताबिक खारकीव से लगभग सभी नागरिक निकल गए हैं और अगले कुछ घंटे में पिसोचिन से सभी के निकल जाने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि हमारा दूतावास पिसोचिन में 298 भारतीय छात्रों तक पहुंच बना रहा है और उनमें से कई को तीन बसों में पश्चिम इलाके की ओर ले जाया गया है तथा उम्मीद करते हैं कि अगले कुछ घंटों में सभी को निकाल लिया जाएगा।
बागची ने कहा कि हम युद्धग्रस्त यूक्रेन के पूर्वी शहर सूमी में फंसे भारतीयों को लेकर काफी चिंतित है और रूस एवं यूक्रेन, दोनों से तत्काल संघर्षविराम करने को कहा है ताकि संघर्ष वाले इलाकों से लोगों को सुरक्षित निकाला जा सके।
सूमी से छात्रों को निकालने पर बागची ने कहा कि हम विविध विकल्पों पर काम कर रहे हैं लेकिन हमारी मुख्य चुनौती उस इलाके में हो रही गोलाबारी, हिंसा और परिवहन की समस्या है।
प्रवक्ता ने कहा कि इसलिए हम दोनों देशों से स्थानीय संघर्षविराम करने को कह रहे और अभी तक ऐसा नहीं हुआ है लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि यह जल्द होगा। बागची ने शुक्रवार को कहा था कि सूमी में करीब 700 भारतीय फंसे हुए हैं।
बागची ने कहा कि यह युद्ध की स्थिति है और हमारी बुनियादी जरूरत सुरक्षित मार्ग से जुड़ी है ताकि जब छात्र परिसर से निकले तब सुरक्षित रहें। यूक्रेन से भारतीयों की निकासी के ऑपरेशन गंगा अभियान के बारे में उन्होंने कहा कि अब तक 63 उड़ानों में 13,300 से अधिक लोगों को वापस लाया गया है।
उन्होंने कहा कि यूक्रेन संकट के बीच भारतीयों को वापस लाने के लिए अगले 24 घंटों में 13 उड़ानें संचालित की जाएंगी जिसमें से 7 बुडापेस्ट, दो कोसित्से, दो रिसेसो और दो बुखारेस्ट से उड़ान भरेगी । प्रवक्ता ने कहा कि पिछले 24 घंटे में 15 उड़ानों से 2900 भारतीयों को वापस लाया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि पहला परामर्श जारी होने के बाद 21 हजार भारतीय यूक्रेन से निकल आए हैं ।