कीव। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को यूक्रेन के शहर मारियुपोल को जीतने का दावा किया। हालांकि उन्होंने अपने सैनिकों को विशाल इस्पात संयंत्र पर हमला नहीं करने का निर्देश दिया, बल्कि अपने बलों को अजोवस्ताल संयंत्र को घेरने का निर्देश दिया ताकि वहां परिंदा भी पर न मार सके।
रूसी सैनिकों ने यूक्रेन पर आक्रमण के शुरुआती दिनों से ही दक्षिण-पूर्वी बंदरगाह शहर पर बमबारी की है और इसे खंडहर में बदल दिया है। शीर्ष अधिकारियों ने लगातार दावा किया कि शहर रूसी सेना के कब्जे में जाने वाला है लेकिन यूक्रेनी सेना ने जी जान लगाकर इस पर कब्जा बनाए रखा।
रूस के अनुमान के मुताबिक हाल के दिनों में हजारों की संख्या में रक्षक विशाल इस्पात संयंत्र में सुरंगों और बंकरों में छिपे थे। रूसी सेना ने उन्हें आत्मसमर्पण करने को कहा था। गुरुवार को पुतिन ने संयंत्र पर कब्जा किए बगैर जीत की घोषणा कर दी। पुतिन ने देश के रक्षा मंत्री के साथ सामने आकर कहा कि मारियुपोल को मुक्त कराने का अभियान सफल रहा। बधाई हो।
वहीं यूक्रेन ने मारियुपोल को जीतने के रूस के दावे का मखौल बनाया। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के सलाहकार ओलेक्सी एरेस्टोविच ने कहा कि हालात का मतलब है: वे अजोवस्ताल पर कब्जा नहीं कर सकते। वे यह समझ गए हैं। उन्हें वहां भारी नुकसान हुआ है।
अभियान को सफल दिखाने के पीछे का पुतिन का मकसद संयंत्र की ओर से ध्यान हटाना हो सकता है । बंदरगाह शहर मारियुपोल को कब्जे में लेना रूस के लिए सामरिक और सांकेतिक, दोनों रूप से महत्वपूर्ण है। यह रूस और क्रीमियाई प्रायद्वीप को भूमि के जरिये जोड़ देगा और इससे रूसी सेना डोनबास में कहीं भी जा सकती है।
रूस को भारी नुकसान : रूस और यूक्रेन युद्ध को 55 दिन पूरे हो चुके हैं। यूक्रेन ने दावा किया है कि 800 से ज्यादा टैंकों को नुकसान पहुंचा। लड़ाई के दौरान रूस के 21 हजार जवान मारे गए हैं। 172 लड़ाकू विमान मार गिराने का दावा यूक्रेन ने किया। 151 हेलीकॉप्टर भी मार गिराने का दावा यूक्रेन ने किया। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार युद्ध के बाद से 50 लाख लोगों ने यूक्रेन छोड़ दिया है।