गुरुवार से रूसी सेना का यूक्रेन पर हमला जारी है। ऐसे में यूक्रेन के लोग अपने देश को बचाने के पूरे प्रयास करते दिख रहे हैं। यहां के आम नागरिक जहां खुद सेना में शामिल होकर हथियार उठा रहे हैं। वहीं राजधानी कीव की हिफ़ाज़त के लिए आम लोगों को 18 हज़ार मशीनगनें दी गईं। साथ ही यूक्रेन सरकार ने 18 से 60 साल के लोगों के देश छोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
खबरों के अनुसार, रूस के हमले के बाद अधिकांश यूक्रेनियन लड़के और लड़कियां बंदूक चलाने का अभ्यास भी कर रहे हैं। रूस के 2014 में क्रीमिया पर कब्जा करने और पूर्व में मॉस्को समर्थित सशस्त्र विद्रोह के दौरान यूक्रेन के लगभग 4 लाख लोगों के पास युद्ध का अनुभव होने का अनुमान है। इनके अनुभवों का इस्तेमाल यूक्रेन सरकार युद्ध के दौरान कर सकती है।
यूक्रेन के गृह मंत्रालय ने कहा, राजधानी कीएव की हिफ़ाज़त के लिए आम लोगों को 18 हज़ार मशीनगनें दी गई हैं। कीव के मेयर ने कहा है कि अब स्थानीय लोग रूसी सेना से लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। सरकार ने हज़ारों मशीनगनें और राइफ़लें आम लोगों में बांट दी हैं।
हमले के दौरान यूक्रेन के लोगों में हथियार खरीदने की भी होड़ मच गई है। पिछले एक सप्ताह से राजधानी कीव की दुकानों के अंदर हथियार खरीदने की लंबी कतारें लगी हुई थीं। यूक्रेन के लोग बंदूकें, गोला-बारूद और स्नाइपर राइफल खरीद रहे हैं।
यूक्रेन में आपातकाल लागू होने के बाद देश की संसद ने एक मसौदा कानून को मंजूरी दी, जो यूक्रेन के लोगों को आग्नेय यास्त्र खरीदने की अनुमति देता है। वहीं दूसरी ओर यूक्रेन सरकार ने 18 से 60 साल के यूक्रेनी लोगों के देश छोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
रूसी हमले के बाद यूक्रेन में जबरदस्त तबाही मची है। इस युद्ध से यूक्रेनवासी डरे हुए हैं और सुरक्षित स्थानों पर शरण ले रहे हैं, लेकिन फिर भी वे रूस के आगे झुकने को तैयार नहीं हैं।