नई दिल्ली। एक तरफ यूक्रेन से भारत लौटे छात्र-छात्राओं और उनके परिजनों के चेहरों पर मुस्कराहट है, वहीं यूक्रेन में फंसे विद्यार्थियों की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ऐसी ही एक मेडिकल छात्रा है गरिमा मिश्रा, जो कि उत्तर प्रदेश के लखनऊ की रहने वाली है।
गरिमा ने एक वीडियो शेयर कर कहा है कि हमें कोई हेल्प नहीं मिल रही है, भारतीय एम्बेसी कॉल नहीं उठा रही है। हम बुरी तरह फंस चुके हैं। जहां हम रह रहे हैं वहां भी लोग आकर हंगामा करते हैं। रात को भी गेट तोड़ने की कोशिश की गई। हमें किसी भी तरह की मदद नहीं मिल पा रही है।
लड़की ने कहा कि मेरे एक दोस्त ने फोन पर बताया कि लोग ट्रेन या बस से बॉर्डर की तरफ जा रहे हैं, उन पर रूसी सेना फायरिंग कर रही है। उन सैनिकों ने लड़कियों को उठा लिया है। पता नहीं उन्हें कहां ले गए। लड़कों का कोई पता नहीं। हमें पता नहीं हमारे साथ क्या होगा। जो भी इस वीडियो को सुन रहा है, हमें बचा लो। योगी जी-मोदी जी हमें बचा लो।
भारत सरकार पर आरोप : एक अन्य लड़की का वीडियो भी जारी हुआ है। इस लड़की ने सीधा आरोप लगाया है कि इंडियन एंबेसी हमारे कॉलेज रिजेक्टर कर रही है। इस लड़की ने एंबेसी में काम करने वाले किसी विक्रम कुमार का नाम भी बताया है। उसका कहना है कि भारत सरकार हमारे लिए कुछ भी नहीं कर रही है। एंबेसी के लोग गाइडेंस देने के बजाय हमें इग्नोर कर रहे हैं। बॉर्डर पर लड़कियों को भी बेरहमी से भी मारा जा रहा है।
इस लड़की ने भारत के लोगों से अपील की है कि भारत सरकार हमारी मदद नहीं कर रही है। आप प्रदर्शन करिए तभी हम निकल पाएंगे। हम इस समय बॉर्डर से करीब 800 किलोमीटर दूर हैं। इस लड़की का कहना है कि दूसरे देशों की सरकारों ने अपने लोगों को निकाल लिया है। इस समय यूक्रेन में भारत के 20-30 हजार स्टूडेंट्स फंसे हैं। ये दोनों ही ट्वीट कांग्रेस ने किए हैं।