दिशा शूल से बचाव के उपाय

अनिरुद्ध जोशी
FILE
दिशा शूल ले जाओ बामे, राहु योगिनी पूठ।
सम्मुख लेवे चंद्रमा, लावे लक्ष्मी लूट।

यात्रा सभी लोग करते हैं। कोई व्यापार के लिए, कोई धार्मिक कार्य के लिए, कोई मांगलिक कार्य के लिए अथवा कोई किसी महत्वपूर्ण खरीददारी के लिए। कभी-कभी यात्रा सुखमय होती है, तो कभी यह कष्टमय या असफलता से भरी होती है। इस यात्रा के विषय में दिशा शूल का अवश्य ध्यान रखना चाहिए। किन्हीं कारणों से दिशा शूल के दौरान उक्त दिशा की यात्रा नहीं टाली जा सकती, तो उससे बचने के उपाय किसी ज्योतिष से पूछकर करने चाहिए।

नोट : नासिका का जो स्वर चलता हो उसी तरफ का पैर आगे बढ़ाकर यात्रा शुरू करनी चाहिए। कदम बढ़ाने से पहले पांच कदम उल्टे पीछे चलें। दिशा शूल पीठ का व बायां लेना ठीक रहता है। सम्मुख और दाहिना वर्जित रहता है।

 

अगले पन्ने पर पूर्व दिशा में जा रहे हैं तो...

 


WD
*पूर्व दिशा- सोमवार और शनिवार को पूर्व दिशा की यात्रा वर्जित मानी गई है। इस दिन पूर्व दिशा में दिशा शूल रहता है।

*बचाव : सोमवार को दर्पण देखकर या पुष्प खाकर और शनिवार को अदरक, उड़द या तिल खाकर घर से बाहर निकलें। इससे पहले पांच कदम उल्टे पैर चलें।

अगले पन्ने पर पूर्व पश्चिम में जा रहे हैं तो...


*पश्चिम दिशा- रविवार और शुक्रवार को पश्चिम दिशा की यात्रा वर्जित मानी गई है। इस दिन पश्‍चिम दिशा में दिशा शूल रहता है।

*बचाव : रविवार को दलिया, घी या पान खाकर और शुक्रवार को जौ या राईं खाकर घर से बाहर निकलें। इससे पहले पांच कदम पीछे चलें।

अगले पन्ने पर पूर्व उत्तर में जा रहे हैं तो...


* उत्तर दिशा- मंगलवर और बुधवार को उत्तर दिशा की यात्रा वर्जित मानी गई है। इस दिन उत्तर दिशा में दिशा शूल रहता है।

*बचाव : मंगलवार को गुड़ खाकर और बुधवार को तिल, धनिया खाकर घर से बाहर निकलें। इससे पहले पांच कदम पीछे चलें।

अगले पन्ने पर पूर्व दक्षिण में जा रहे हैं तो...


*दक्षिण दिशा- गुरुवार को दक्षिण दिशा की यात्रा वर्जित मानी गई है। इस दिन दक्षिण दिशा में दिशा शूल रहता है।

*बचाव : गुरुवार को दहीं या जीरा खाकर घर से बाहर निकलें। इससे पहले पांच कदम पीछे चलें।

अगले पन्ने पर पूर्व आग्नेय में जा रहे हैं तो...


*दक्षिण-पूर्व दिशा- सोमवार और गुरुवार को दक्षिण-पूर्व (आग्नेय) दिशा की यात्रा वर्जित मानी गई है। इस दिन इस दिशा में दिशा शूल रहता है।

*बचाव : सोमवर को दर्पण देखकर, गुरुवार को दहीं या जीरा खाकर घर से बाहर निकलें। इससे पहले पांच कदम पीछे चलें।

अगले पन्ने पर पूर्व नैऋत्य में जा रहे हैं तो...






*नैऋत्य दिशा- रविवार और शुक्रवार को दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य) दिशा की यात्रा वर्जित मानी गई है। इस दिन इस दिशा में दिशा शूल रहता है।

*बचाव : रविवार को दलिया और घी खाकर और शुक्रवार को जौ खाकर घर से बाहर निकलें। इससे पहले पांच कदम पीछे चलें।

अगले पन्ने पर पूर्व वायव्य में जा रहे हैं तो...


*वायव्य दिशा- मंगलवार को उत्तर-पश्चिम (वायव्य) दिशा की यात्रा वर्जित मानी गई है। इस दिन इस दिशा में दिशा शूल रहता है।

*बचाव : मंगलवार को गुड़ खाकर घर से बाहर निकलें। इससे पहले पांच कदम पीछे चलें।

अगले पन्ने पर पूर्व ईशान में जा रहे हैं तो...


*ईशान दिशा- बुधवार और शनिवार को उत्तर-पूर्व (ईशान) दिशा की यात्रा वर्जित मानी गई है। इस दिन इस दिशा में दिशाशूल रहता है।

*बचाव : बुधवार को तिल या धनिया खाकर और शनिवार को अदरक, उड़द की दाल या तिल खाकर घर से बाहर निकलें। इससे पहले पांच कदम पीछे चलें।

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

पीपल की पूजा के पीछे क्या है लॉजिक, क्या सच में होता है भूत-प्रेत का वास या कुछ और है चमत्कार, जानिए सच्चाई

सावन में भोलेनाथ के इन 10 गुणों को अपनाकर आप भी पा सकते हैं स्ट्रेस और टेंशन से मुक्ति

सत्य शिव हैं, अनंत शिव हैं...हर मन में बसे भगवंत शिव हैं, भक्ति से सराबोर सावन की शुभकामनाएं

क्या सितंबर में मोदी जी छो़ड़ने वाले हैं पद, यदि ऐसा है तो फिर कौन बनेगा नया पीएम?

विश्व का एकमात्र ज्योतिर्लिंग जहां हर रात शयन के लिए आते हैं भोलेनाथ और माता पार्वती, साथ खेलते हैं चौपड़

सभी देखें

धर्म संसार

शिवलिंग की आधी परिक्रमा करने के पीछे का रहस्य जानें

सावन मास के दौरान सपने में शिवजी या सांप दिखाई दे तो क्या होता है?

श्रावण मास का नाग मरुस्थले पर्व आज, जानें इतिहास और महत्व

सावन का दूसरा सोमवार कब है, बन रहे हैं खास योग, 3 प्रकार से करें शिवजी की पूजा को मिलेगा फल

सावन मास में भूलकर भी न करें ये 5 गलतियां, महादेव हो जाएंगे रुष्ठ