साईबाबा : साईं भक्तों से कुछ सवाल...

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हिन्दुओं के सबसे बड़े धर्मगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद ने साईं बाबा पर सवाल खड़े कर दिए हैं जिस पर अभी तक साईं भक्तों ने कोई उचित जवाब नहीं दिया है। उन्होंने जवाब देने के ‍बजाय शंकराचार्य के पुतले जलाए और उनके खिलाफ केस कर दिया है। बस यही था उनका जवाब। जब शंकराचार्यजी से पूछा गया कि क्या आप देशभर के मंदिरों से साईं की मूर्ति को हटाने का अभियान चलाएंगे तो उन्होंने कहा कि हम शंकचाचार्य इसलिए हैं कि हम धर्म की सही जानकारी दें। मेरा काम था जनता को सजग करना, अब जनता जाने कि उसे क्या करना है। यहां प्रस्तुत है साईं विरोधियों के वे सवाल, जो साईं भक्तों से पूछे जा रहे हैं।

क्या साईं बाबा मुस्लिम फकीर थे?


हिन्दू धर्म को विकृत करने का आरोप :
* गायत्री मंत्र भी साईं के नाम पर। राम के नाम के आगे भी साईं लगाते हैं। राम अकेले कल्याण करने में समर्थ हैं तो साईं नाम की जरूरत क्यों है?

* वेद मंत्रों में साईं को स्थापित किए जाने के लिए क्यों हेर-फेर किया जा रहा है? साईं के नाम पर हिन्दू धर्म को भ्रमित और विकृत क्यों किया जा रहा है?

* साईं बाबा को शिव और विष्णु की तरह हिन्दू देवताओं के रूप में चित्रित किया जाना क्या हिन्दू धर्म का अपमान नहीं है? इससे करोड़ों हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं, उस पर साईं भक्त क्या कहना चाहेंगे?

* क्या साईं भगवान राम से भी बड़े हो गए हैं? उन्हें ब्रह्मांड नायक क्यों बनाया गया... क्या उन्होंने ब्रह्मांड की रचना की है? वे राजाधिराज थे? वे परब्रह्म थे? वे सच्चिदानंद थे? क्या आप ऐसा लिख सकते हो कि 'साईं अल्लाह' थे, तो फिर उन्हें 'परब्रह्म' लिखने का अधिकार आपको किसने दिया?

* मंदिरों में साईं की मूर्ति क्यों लगाई जा रही है? हिन्दू धर्म के देवी-देवताओं की मूर्तियां छोटी होती जा रही हैं और साईं की मूर्ति बड़ी। हिन्दू मंदिरों में जान-बूझकर जो साईं बाबा की मूर्ति स्थापित की जा रही है क्या वह उचित है?

* साईं का चित्र पहले शिव के साथ जोड़कर दिखाया जाता था, आजकल राम और हनुमान के साथ जोड़कर दिखाया जाता है... क्या यह षड्यंत्र या मनमानी हरकत नहीं है?

* साईं के नाम पर मनमाने मंदिर, आरती, चालीसा और तमाम तरह के कर्मकांड निर्मित कर लिए गए हैं, क्या यह उचित है?

* क्या साईं बाबा ने कहा था कि मेरा मंदिर बनाकर मेरी पूजा करना? मेरी चालीसा पढ़ना, आरती उतारना? क्या साईं बाबा की तुलना राम-कृष्ण से करना सनातन धर्म का अपमान नहीं है?

* पहले साईं को दत्तात्रेय का अवतार बताया गया, फिर विरोध होने पर कबीर का, फिर नामदेव, पांडुरंग, अक्कलकोट का महाराज। अंत में शिव का अवतार इसलिए घोषित किया गया, क्योंकि शिवजी को भी ‍चित्रों में चिलम पीते हुए दर्शाया गया है। और उसके बाद तो साईं बाबा सभी देवी-देवताओं के अवतार होने लगे। अब उन्हें रामावतार बताया जा रहा है। क्या इसका कोई ठोस जवाब है कि उन्हें भगवान बनाने के लिए हिन्दुओं के अवतारों का ही सहारा क्यों लिया जा रहा है?

अगले पन्ने पर...साईं के मुसलमान होने पर सवाल...



साईं के मुसलमान होने पर सवाल :
* जब साईं बाबा एकता की बात करते थे तो वे सिर्फ 'अल्लाह मालिक है' ऐसा ही क्यों बोलते थे? क्या उन्होंने कभी 'भगवान मालिक' है या 'राम मालिक है...' ऐसा कभी बोला?

* 1954 तक साईं की समाधि नहीं, एक मजार थी। इस कब्र के रखवाले अब्दुल बाबा थे। अब्दुल बाबा के मरते ही हिन्दुओं ने इस कब्र पर कब्जा करके वहां मूर्ति की स्थापना कर दी। क्या यह सही नहीं है?

* साईं बाबा ने रहने के लिए मस्जिद का ही चयन क्यों किया? भले ही मंदिर में न रहते, तो नीम के वृक्ष के नीचे एक कुटिया ही बना लेते। मस्जिद ही क्यों?

* जब साईं बाबा हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रतीक हैं तो वहां मुस्लिम क्यों नहीं जाते, तो फिर हम ही क्यों जाएं?

* बाबा को ब्राह्मण प्रमाणित करने के लिए जो कहानी गढ़ी गई है, क्या वह झूठ नहीं है? 1936 में ही उनके पथरी गांव के ब्राह्मण के यहां जन्म लेने की कथा को झूठ साबित कर दिया गया था।

* पहले साईं की पालकी निकलती थी जिसमें मनमाने फिल्मी भजन होते थे। आजकल साईं की चादर निकलती है जिसमें कव्वाली होती है... ऐसा क्यूं? साईं चौकी, साईं संध्या और साईं पालकी में मुस्लिम कव्वाल साईं भक्तों के साथ साईं जागरण करने में लगे हैं।

* क्या आपके पास कोई सबूत हैं कि साईं एक मुस्लिम फकीर नहीं थे? जबकि साईं की आरती में उन्हें मोमीनवंशी कहा गया है...आरती का अंश- 'गोपीचंदा मंदा त्वांची उदरिले! मोमीन वंशी जन्मुनी लोंका तारिले।' 'मोमीन' अर्थात मुसलमान।

साई बाबा के चरित्र पर सवाल :
* जो व्यक्ति जन्म और कर्म से मुसलमान था, तम्बाकू खाता था, एकादशी को ब्राह्मणों को मांस खिलाता था, और खुद भी मांस और मछली खाता था, वो कैसा भगवान? क्या उसे भगवान मानना चाहिए?

* साईं के जीवनकाल में पूरा भारत गुलामी की बेड़ियों में जकड़ा हुआ था, मात्र अंग्रेजों के अत्याचारों से मुक्ति न दिला सका तो साईं अवतार कैसे?

साईं के नाम पर पैसा कमाने के आरोप:
* ताबीज, चालिसा, पुराण, यंत्र, चित्र, मूर्ति, प्रसाद, भभूत, आदि सभी साईं बाबा के नाम पर आजकल सब कुछ बिक रहा है। साईं बाबा के नाम पर पैसे कमाने का धंधा किया जा रहा है?

* साईं ट्रस्ट और उससे जुड़े संस्थान सभी भोलीभाली हिन्दू जनता को लूट रहे हैं और उन्होंने साईं बाबा के संबंध में झूठी कहानी फैला रखी है?

नोट : उक्त सवाल शंकचार्य और साईं विरोधियों ने उठाएं है जिनका ब्योरा शंकराचार्य के इंट्यव्यू में हैं। वेबदुनिया का इन सवालों और साईं के पक्ष या विरोध से कोई संबंध नहीं है।
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