आखिर ऐसा क्या हुआ था कि द्वारिका नष्ट हो गई? किसने किया द्वारिका को नष्ट? क्या प्राकृतिक आपदा से नष्ट हो गई द्वारिका? क्या किसी आसमानी ताकत ने नष्ट कर दिया द्वारिका को या किसी समुद्री शक्ति ने उजाड़ दिया द्वारिका को। आखिर क्या हुआ कि नष्ट हो गई द्वारिका और फिर बाद में वह समुद्र में डूब गई। इस सवाल की खोज कई वैज्ञानिकों ने की और उसके जवाब भी ढूंढे हैं। सैकड़ों फीट नीचे समुद्र में उन्हें ऐसे अवशेष मिले हैं जिसके चलते भारत का इतिहास बदल गया है। अब इतिहास को फिर से लिखे जाने की जरूरत बन गई है। आओ जानते हैं इन सवालों के जवाब।
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भारत के सबसे प्राचीन नगरों में से एक है द्वारिका। ये 7 नगर हैं- द्वारिका, मथुरा, काशी, हरिद्वार, अवंतिका, कांची और अयोध्या। कई द्वारों का शहर होने के कारण द्वारिका इसका नाम पड़ा। द्वारिका को द्वारावती, कुशस्थली, आनर्तक, ओखा-मंडल, गोमती द्वारिका, चक्रतीर्थ, अंतरद्वीप, वारिदुर्ग, उदधिमध्यस्थान भी कहा जाता है। गुजरात राज्य के पश्चिमी सिरे पर समुद्र के किनारे स्थित 4 धामों में से 1 धाम और 7 पवित्र पुरियों में से एक पुरी है द्वारिका। द्वारिका 2 हैं- गोमती द्वारिका, बेट द्वारिका। गोमती द्वारिका धाम है, बेट द्वारिका पुरी है। बेट द्वारिका के लिए समुद्र मार्ग से जाना पड़ता है।
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मथुरा से निकलकर भगवान कृष्ण ने द्वारिका क्षेत्र में ही पहले से स्थापित खंडहर हो चुके नगर क्षेत्र में एक नए नगर की स्थापना की थी। इस नगर को मयदानव और विश्वकर्मा ने मिलकर बनाया था। कृष्ण ने राजा कंस का वध कर दिया तो कंस के श्वसुर मगधपति जरासंध ने कृष्ण और यदुओं का नामोनिशान मिटा देने की ठान रखी थी। वह मथुरा और यादवों पर बारंबार आक्रमण करता था। उसके कई मलेच्छ और यवनी मित्र राजा थे। अंतत: यादवों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कृष्ण ने मथुरा को छोड़ने का निर्णय लिया। विनता के पुत्र गरूड़ की सलाह एवं ककुद्मी के आमंत्रण पर कृष्ण कुशस्थली आ गए। वर्तमान द्वारिका नगर कुशस्थली के रूप में पहले से ही विद्यमान थी, कृष्ण ने इसी उजाड़ हो चुकी नगरी को पुनः बसाया। कृष्ण अपने 18 नए कुल-बंधुओं के साथ द्वारिका आ गए। यहीं 36 वर्ष राज्य करने के बाद उनका देहावसान हुआ।
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द्वारिका के समुद्र में डूब जाने और यादव कुलों के नष्ट हो जाने के बाद कृष्ण के प्रपौत्र वज्र अथवा वज्रनाभ द्वारिका के यदुवंश के अंतिम शासक थे, जो यदुओं की आपसी लड़ाई में जीवित बच गए थे। द्वारिका के समुद्र में डूबने पर अर्जुन द्वारिका गए और वज्र तथा शेष बची यादव महिलाओं को हस्तिनापुर ले गए। कृष्ण के प्रपौत्र वज्र को हस्तिनापुर में मथुरा का राजा घोषित किया। वज्रनाभ के नाम से ही मथुरा क्षेत्र को ब्रजमंडल कहा जाता है।
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इस शहर के चारों ओर बहुत ही लंबी दीवार थी जिसमें कई द्वार थे। वह दीवार आज भी समुद्र के तल में स्थित है। द्वारिका के इन समुद्री अवशेषों को सबसे पहले भारतीय वायुसेना के पायलटों ने समुद्र के ऊपर से उड़ान भरते हुए नोटिस किया था और उसके बाद 1970 के जामनगर के गजेटियर में इनका उल्लेख किया गया। उसके बाद से इन खंडों के बारे में दावों-प्रतिदावों का दौर चलता चल पड़ा।
बाद में ऑर्कियोलॉजिस्ट प्रो. एसआर राव और उनकी टीम ने 1979-80 में समुद्र में 560 मीटर लंबी द्वारिका की दीवार की खोज की। साथ में उन्हें वहां पर उस समय के बर्तन भी मिले, जो 1528 ईसा पूर्व से 3000 ईसा पूर्व के हैं।...पहले 2005 फिर 2007 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के निर्देशन में भारतीय नौसेना के गोताखोरों ने समुद्र में समाई द्वारिका नगरी के अवशेषों के नमूनों को सफलतापूर्वक निकाला। उन्होंने ऐसे नमूने एकत्रित किए जिन्हें देखकर आश्चर्य होता है। 2005 में नौसेना के सहयोग से प्राचीन द्वारिका नगरी से जुड़े अभियान के दौरान समुद्र की गहराई में कटे-छंटे पत्थर मिले और लगभग 200 नमूने एकत्र किए गए। मिली जानकारी के मुताबिक ये नमूने सिन्धु घाटी सभ्यता से कोई मेल नहीं खाते, लेकिन ये इतने प्राचीन थे कि सभी दंग रह गए। खैर..
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प्राकृतिक आपदा से नष्ट हुई द्वारिका?
वैज्ञानिकों के अनुसार जब हिमयुग समाप्त हुआ तो समद्र का जलस्तर बढ़ा और उसमें देश-दुनिया के कई तटवर्ती शहर डूब गए। द्वारिका भी उन शहरों में से एक थी। लेकिन सवाल यह उठता है कि हिमयुग तो आज से 10 हजार वर्ष पूर्व समाप्त हुआ। भगवान कृष्ण ने तो नई द्वारिका का निर्माण आज से लगभग 5 हजार 300 वर्ष पूर्व किया था, तब ऐसे में इसके हिमयुग के दौरान समुद्र में डूब जाने की थ्योरी आधी सच लगती है।
लेकिन बहुत से पुराणकार और इतिहासकार मानते हैं कि द्वारिका को कृष्ण के देहांत के बाद जान-बूझकर नष्ट किया गया था। यह वह दौर था, जबकि यादव लोग आपस में भयंकर तरीके से लड़ रहे थे। इसके अलावा जरासंध और यवन लोग भी उनके घोर दुश्मन थे। ऐसे में द्वारिका पर समुद्र के मार्ग से भी आक्रमण हुआ और आसमानी मार्ग से भी आक्रमण किया गया। अंतत: यादवों को उनके क्षेत्र को छोड़कर फिर से मथुरा और उसके आसपास शरण लेना पड़ी।
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क्या एलियंस ने नष्ट किया?
हाल ही की खोज से यह सिद्ध करने का प्रयास किया गया कि यह वह दौर था जबकि धरती पर रहने वाले एलियंस का आसमानी एलियंस के साथ घोर युद्ध हुआ था जिसके चलते यूएफओ ने उन सभी शहरों को निशाना बनाया, जहां पर देवता लोग रहते थे या जहां पर देवताओं के वंशज रहते थे। इस तरह एलियंस के युद्ध में द्वारिका नष्ट हो गई।
एलियंस के अवशेषों की खोज करने वाले वैज्ञानिक कहते हैं कि द्वारिका का निर्माण एलियंस ने किया था। इस नगर पर एलियंसों ने ही हमला करके इस नष्ट कर दिया था। हिस्ट्री चैनल की एक डॉक्यूमेंट्री सीरीज 'एंशियंट एलियन' में इस तरह का दावा किया गया कि द्वारिका को एलियंस ने ही बनाया था और उन्होंने ही इसे नष्ट कर दिया था। हालांकि 'एंशियंट एलियन' सीरीज के अनुसार यह भी संभावना जताई जाती है कि हो सकता है कि कृष्ण का सामना एलियन से हुआ और फिर दोनों में घोर युद्ध हुआ जिसके चलते द्वारका नष्ट हो गई।