सुदास के विरुद्ध लड़े ये समुदाय : ऋग्वेद का सुविख्यात नायक सुदास भारतों का नेता था और पुरोहित वसिष्ठ उसके सहायक थे। इनके शत्रु थे, पांच प्रमुख जनजातियां-, ‘अनु’, ‘द्रुह्यु’, ‘यदु’, ‘तुर्वशस्’ और ‘पुरु’ तथा पांच गौण जनजातियां- ‘अलिन’, ‘पक्थ’, ‘भलानस्’, ‘शिव’ और ‘विषाणिन’ के दस राजा। विरोधी गुट के सूत्रधार ऋषि विश्वामित्र थे और उसका नेतृत्व पुरुओं ने किया था। हालांकि इन दस राजाओं का सभी जगह अलग-अलग वर्णन मिलता है। यहां प्रस्तुत है ज्यादातर जगह पाया जाना वाला वर्णन।
1.
अलीन समुदाय : इतिहासकार मानते हैं कि यह कबीला अफगानिस्तान के नूरिस्तान क्षेत्र के पूर्वोत्तर में रहता था। चीनी तीर्थयात्री हुएन त्सांग ने उस जगह को उनकी गृहभूमि होने का जिक्र किया है। अलीन समुदाय का नाम है राजा का नहीं इनके राजा कौन थे यह अभी अज्ञात है।
2.
अनु : यह ययाति के पुत्र अनु के कुल का समुदाय था, जो परुष्णि (रावी नदी) के पास रहता था। अनु समुदाय का नाम है राजा का नहीं इनके राजा कौन थे यह अभी अज्ञात है।
3.
भृगु समुदाय : माना जाता है कि यह समुदाय प्राचीन भृगु ऋषि के वंश के थे। बाद में इनका संबंध अथर्ववेद के भृगु-आंगिरस विभाग की रचना से किया गया है। भृगु समुदाय का नाम है राजा का नहीं इनके राजा कौन थे यह अभी अज्ञात है।
4.
भालन समुदाय : कुछ इतिहासकारों के अनुसार यह बोलन दर्रे के इलाके में बसने वाले लोग थे। भालन समुदाय का नाम है राजा का नहीं इनके राजा कौन थे यह अभी अज्ञात है।
5.
द्रुह्य : ऋग्वेद अनुसार यह समुदाय द्रुह्यु कुल का था, जो अफगानिस्तान के गांधार प्रदेश में निवास करता था। द्रुह्य समुदाय का नाम है राजा का नहीं इनके राजा कौन थे यह अभी अज्ञात है।
6.
मत्स्य : ऋग्वेद में इस समुदाय का जिक्र मिलता है लेकिन बाद में इनका शाल्व से संबंध होने का उल्लेख भी मिलता है। यह जनजाति समुदास के लोग थे। मत्स्य समुदाय का नाम है राजा का नहीं इनके राजा कौन थे यह अभी अज्ञात है।
7.
परसु : परसु समुदाय प्राचीन पारसियों का समुदाय था। ईरान इनका मूल स्थान था। प्राचीन समय में ईरान को पारस्य देश कहा जाता था। परसु समुदाय का नाम है राजा का नहीं इनके राजा कौन थे यह अभी अज्ञात है।
8.
पुरु : यह समुदाय ऋग्वेद काल का एक महान परिसंघ था जिसे सरस्वती नदी के किनारे बसा होना बताया जाता रहा है, हालांकि आर्य काल में यह जम्मू-कश्मीर और हिमालय के क्षेत्र में राज्य करते थे। पुरु समुदाय का नाम है राजा का नहीं इनके राजा कौन थे यह अभी अज्ञात है।
9.
पणी : इन्हें दानव कुल का माना जाता है लेकिन बाद के ऐतिहासिक स्रोत इन्हें स्किथी लोगों से संबंधित बताते हैं। पणी समुदाय का नाम है राजा का नहीं इनके राजा कौन थे यह अभी अज्ञात है।
10.
दास (दहए) : यह दास जनजातियां थी। ऋग्वेद में इन्हें दसुह नाम से जाना गया। यह भी माना जाता है कि यह काले रंग के थे। दास समुदाय का नाम है राजा का नहीं इनके राजा कौन थे यह अभी अज्ञात है।
उक्त समुदाय के नाम पर ही राज्य हुआ करते थे।
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