प्राचीन भारत में खेला जाता था फुटबॉल

Webdunia
फुटबॉल का खेल आज सबसे लोकप्रिय खेल है। फुटबॉल में ब्राजील, स्पेन, अर्जेंटीना, पुर्तगान आदि देशों की बादशाहत है और भारत सबसे निचले पायदान पर कहीं नजर आता है। लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि फुटबॉल खेल का जन्मदाता देश भारत है। हालांकि इतिहासकारों को ये बात हजम नहीं होगी क्योंकि वे खेलो की शुरुआत को ओलंपिक के आइने में देखकर ही मानते हैं।
 
 
इतिहाकारों में कुछ लोग चीन, ग्रीक और कुछ लोग इटली को फुटबॉल का जन्मदाता देश मानते हैं, लेकिन इसका सबसे प्राचीन उल्लेख महाभारत में मिलता है। महाभारत में जिक्र है कि श्रीकृष्ण अपने साथियों के साथ यमुना किनारे फुटबॉल खेलते थे। 3112 ईसा पूर्व भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। एक दिन ग्वाल बालाओं के साथ श्रीकृष्ण गेंद खेल रहे थे तो गेंद यमुना नदी में चली गई। श्रीदामा के जिद करने पर श्रीकृष्ण ने यमुना के भीतर से गेंद लाने के लिए छलांग लगा दी। नदी के भीतर कालिया नाग ने गेंद को पहले से ही पकड़ कर सो रहा था।
 
 
श्रीकृष्ण के आते ही कालिया नाग जाग गया और उसने श्रीकृष्ण को अपने फेंटे में लपेटकर जकड़ लिया। बाद में श्रीकृष्ण उसके जकड़ जाल से निकल कर उसके मस्तक पर चढ़ जाते हैं और वहां नृत्य करने लगते हैं। श्रीकृष्ण के पदाघात से नाग की हालत खराब होने लगी और वह श्रीकृष्ण से क्षमा मांगने लगा। कालिया नाग और उसकी पत्नियों द्वारा श्रीकृष्ण से अभयदान मांगने पर श्रीकृष्ण ने क्षमा कर दिया और निर्देश दिया की यहां से दूर तुम सपरिवार रमणक द्वीप पर चले जाओ। उन्होंने कालिया को गरुड़ों से भय‍मुक्ति का वरदान भी दिया और वे गेंद लेकर चले गए।
 
 
प्राचीन भारत बहुत ही समृद्ध और सभ्य देश था, जहां हर तरह के अत्याधुनिक हथियार थे, तो वहीं मानव के मनोरंजन के भरपूर साधन भी थे। एक ओर जहां शतरंज का आविष्कार भारत में हुआ वहीं फुटबॉल खेल का जन्म भी भारत में ही हुआ है। भगवान श्रीकृष्ण की गेंद यमुना में चली जाने का किस्सा बहुत चर्चित है तो दूसरी ओर भगवान राम के पतंग उड़ाने का उल्लेख भी मिलता है।
 
 
कहने का तात्पर्य यह कि ऐसा कोई-सा खेल या मनोरंजन का साधन नहीं है जिसका आविष्कार भारत में न हुआ हो। भारत में प्राचीनकाल से ही ज्ञान को अत्यधिक महत्व दिया गया है। कला, विज्ञान, गणित और ऐसे अनगिनत क्षेत्र हैं जिनमें भारतीय योगदान अनुपम है। आधुनिक युग के ऐसे बहुत से आविष्कार हैं, जो भारतीय शोधों के निष्कर्षों पर आधारित हैं।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Weekly Horoscope: 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा सप्ताह, पढ़ें साप्ताहिक राशिफल (18 से 24 नवंबर)

Mokshada ekadashi 2024: मोक्षदा एकादशी कब है, क्या है श्रीकृष्‍ण पूजा का शुभ मुहूर्त?

Shani Margi: शनि का कुंभ राशि में मार्गी भ्रमण, 3 राशियां हो जाएं सतर्क

विवाह पंचमी कब है? क्या है इस दिन का महत्व और कथा

उत्पन्ना एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा?

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: आज क्‍या कहते हैं आपके तारे? जानें 22 नवंबर का दैनिक राशिफल

22 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

22 नवंबर 2024, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

Prayagraj Mahakumbh : 485 डिजाइनर स्ट्रीट लाइटों से संवारा जा रहा महाकुंभ क्षेत्र

Kanya Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: कन्या राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

अगला लेख