विश्वकर्मा की पुत्री संज्ञा से भगवान सूर्य के पुत्र यमराज, श्राद्धदेव मनु और यमुना उत्पन्न हुईं। हिन्दू धर्म में दक्षिण दिशा के दिक् पाल यमराज को यमलोक का अधिपति और मृत्यु का देवता माना जाता है। वे जीवों के शुभाशुभ कर्मों के अनुसार न्याय करते हैं।
यमराज को धर्मराज भी कहा गया है। यमराज भैंसे पर सवार रहते हैं और वे दण्ड धारण करते हैं। चित्रगुप्त उनका मुंशी है जो जीवों के कर्मों का लेखा जोखा रखता है।
यमराज की पत्नी का नाम धुमोरना है जो वध की देवी हैं। सूर्यपुत्र यमराज के पुत्र का नाम कतिला है जो हत्या का देवता है। युद्ध में जब किसी को मारते हैं तो उसे वध कहते हैं और जब किसी को अकारण या क्रोध में मार दिया जाता है तो उसे हत्या कहते हैं।
कहते हैं कि उर्मिला, सुशीला और श्यामला नाम की यमराज की और भी पत्नियां थीं। उनकी शोभवति नामक एक पुत्री भी थी। उल्लेखनीय है कि महाभारत काल में युधिष्ठिर और विदुर को भी यमराज का ही पुत्र माना जाता था।