कन्या संक्रांति पर आती है विश्‍वकर्मा जयंती, जानिए 5 रोचक बातें

Webdunia
शनिवार, 17 सितम्बर 2022 (12:33 IST)
शास्त्रों के अनुसार विश्वकर्मा जयंती हर साल कन्या संक्रांति के दिन मनाई जाती है। सूर्य का किसी एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करना संक्रांति कहलाता है जो की ही महीने होता है। सूर्य देवता सिंह राशि को छोड़कर कन्या राशि में जब प्रवेश करते हैं तो कन्या संक्रांति पर्व होता है। जो भगवान विश्वकर्मा का जन्मदिवस भी होता है।
 
1. विश्वकर्मा एक महान ऋषि और ब्रह्मज्ञानी थे। ऋग्वेद में उनका उल्लेख मिलता है। कहते हैं कि उन्होंने ही देवताओं के घर, नगर, अस्त्र-शस्त्र आदि का निर्माण किया था। वे महान शिल्पकार थे।
 
2. प्राचीन काल में जनकल्याणार्थ मनुष्य को सभ्य बनाने वाले संसार में अनेक जीवनोपयोगी वस्तुओं जैसे वायुयान, जलयान, कुआं, बावड़ी कृषि यन्त्र अस्त्र-शस्त्र, भवन, आभूषण, मूर्तियां, भोजन के पात्र, रथ आदि का अविष्कार करने वाले महर्षि विश्वकर्मा जगत के सर्व प्रथम शिल्पाचार्य होकर आचार्यों के आचार्य कहलाए।
 
3. कहते हैं कि प्राचीन समय में 1.इंद्रपुरी, 2.लंकापुरी, 3.यमपुरी, 4.वरुणपुरी, 5.कुबेरपुरी, 6.पाण्डवपुरी, 7.सुदामापुरी, 8.द्वारिका, 9.शिवमण्डलपुरी, 10.हस्तिनापुर जैसे नगरों का निर्माण विश्‍वकर्मा ने ही किया था।
 
4. उन्होंने ही कर्ण का कुंडल, विष्णु का सुदर्शन चक्र, पुष्पक विमान, शंकर भगवान का त्रिशुल, यमराज का कालदंड आदि वस्तुओं का निर्माण किया था।
 
5. कहते हैं कि विश्‍वकर्माजी ने ही दधीचि ऋषि की हड्डियां वज्र नामक अस्त्र का निर्माण किया था जिससे इंद्र ने वृत्तासुर का वध कर दिया था।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

अमरनाथ गुफा में कैसे बनकर निश्‍चित समय में गायब हो जाता है शिवलिंग

वरुथिनी एकादशी 2025: जानें इस व्रत की 10 महत्वपूर्ण बातें...

पूर्णिमा वाला वट सावित्री व्रत कब रखा जाएगा, क्या रहेगा पूजा का शुभ मुहूर्त

चार धाम यात्रा में यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ में सबसे पहले कहां जाएं, जानिए यात्रा का रूट

कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 पर जाने के लिए कैसे कराएं रजिस्ट्रेशन?

सभी देखें

धर्म संसार

युद्ध के बारे में क्या कहती है महाभारत, जानिए 10 खास सबक

पहलगाम का वह मंदिर जहां माता पार्वती ने श्री गणेश को बनाया था द्वारपाल, जानिए कौन सा है ये मंदिर

25 अप्रैल 2025 : आपका जन्मदिन

25 अप्रैल 2025, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

अप्रैल में जन्में बच्चों में होती है ये खासियत, जानिए कैसे होते हैं दूसरों से अलग

अगला लेख