पानी को शुद्ध करने के 5 देसी तरीके

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लगभग 70 प्रतिशत रोग जल की अशुद्धता से ही होते हैं। पानी को मशीन द्वारा शुद्ध करना या ऑरो के द्वारा शुद्ध करना भी अब नुकसानदाय माना गया है। आयुर्वेद के अनुसार सबसे अच्छा पानी बारिश का होता है। उसके बाद ग्लेशियर से निकलने वाली नदियों का, फिर तालाब का पानी, फिर बोरिंग का और पांचवां पानी कुएं या कुंडी का। प्राचीन भारत में पानी को देसी तरीके से शुद्ध करके प्रयोग में लाया जाता था।
 
नोट : गर्मी के मौसम में मिट्टी या चांदी के घड़े, मटके या सुराही में, बरसात के मौसम में तांबें के गड़े में, सर्दी के मौसम में सोने या पीतल के घड़े या बर्तन में पानी पीना चाहिए।
पहला तरीका : मोटे कपड़े से छानकर पानी को तांबे के बर्तन में रखें। 2 से 3 घंटे बाद ही उसका उपयोग करें। तांबे के बर्तन का पानी पीने से शरीर के दूषित पदार्थ यूरिन और पसीने से बाहर निकलते हैं। ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है और शरीर में स्फूर्ति बनी रहती है। पेट संबंधी विकार भी दूर होते हैं। तांबा पानी को शुद्ध करने के साथ ही शीतल भी करता है तांबे के गिलास में पानी पीने से त्वचा संबंधी रोग भी नहीं होते हैं। तांबे का पानी लीवर को स्वस्थ रखता है।
 
दूसरा तरीका : पानी को शुद्ध करने का सबसे अच्छा तरीका है पानी को उबाल लें। पानी को उबालने से उसको दूषित करने वाले सभी सूक्ष्म कीटाणु मर जाते हैं और जो कुछ भी दूसरी गंदगी रहती है वह भी असरदार नहीं रहती। पानी को उबालकर ठंडा होने दें और फिर उसे छानकर तांबे के भगोने में भर लें।
 
तीसरा तरीका : पानी में उचित मात्रा में फिटकरी डालने से कुछ ही देर में पानी में जमा गंदगी नीचे जम जाती है और शुद्ध पानी उपर रह जाता है। फिटकरी को पानी में डालने से पानी में जमा सभी प्रकार के दूषित तत्व उसके तल में बैठ जाते हैं। इससे पानी शुद्ध हो जाता है। हंडे या पानी के बर्तन में एक छोटी सी फिटकरी को डाल देने से आपका पानी शुद्ध हो जाएगा। फिर उस पानी को किसी तांबे के हंडे में भर लें।
 
चौथा तरीका : सूखे नारियल के छिलके से आप पानी का ऑरो जैसा साफ कर सकते हैं। इसके लिए नारियल के सफेद वाला भाग निकाल ले और खोल को छन्नी की तरह बनाकर उसमें सूत का कपड़ा रखकर उससे धीरे धीरे पानी को छान लें। अक्सर इस तरह की खोल बगैर बिजली के चलने वाले कई प्यूरीफायर में लगी होती है।
 
पांचवां तरीका : पानी को सूर्य की किरणों में रखने से भी पानी की शुद्धि होती है। सूर्य की किरणों से पानी में मौजूद बैक्टेरिया मर जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि सूर्य की किरणों में 6 घंटे तक पानी रखने से कीटाणु मर जाते हैं।

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