कई लोग घर पर नियमित पूजा और आरती करते हैं। घर के मंदिर के कुछ नियम होते हैं जिनका पालन करना चाहिए। जैसे की घर का मंदिर किसी दिशा में बनाए या पूजा की थाली किस दिशा में रखें। किस तरह पूजा करें और कौन कौनसी पूजा सामग्री का उपयोग करें। उसी तरह घर के मंदिर में सबसे पहले किसकी पूजा करें और किसे फूल चढ़ाएं यह भी जानना जरूरी है।
पंचदेव : घर के पूजाघर में पंचदेव की छोटी मूर्तिया रखी जाती है। पंचदेवों में गणेश, मां दुर्गा, शिव, विष्णु और सूर्यदेव। इनकी पूजा सभी कार्यों में की जाती है। विष्णुजी की पूजा लक्ष्मीजी के साथ ही की जाती है।
प्रथम पूज्य : सबसे पहले गणेशजी की पूजा की जाती है और उन्हें ही सबसे पहले फूल अर्पित किया जाता है। उनकी पूजा के बाद ही कोई भी मांगलिक कार्य या अन्य पूजा की जाती है। अन्यथा वह पूजा या मांगलिक कार्य सफल नहीं होता है।
श्लोक...
गृहे लिंगद्वयं नाच्यं गणेशत्रितयं तथा।
शंखद्वयं तथा सूर्यो नार्च्यो शक्तित्रयं तथा॥
द्वे चक्रे द्वारकायास्तु शालग्राम शिलाद्वयम्।
तेषां तु पुजनेनैव उद्वेगं प्राप्नुयाद् गृही॥
अर्थात:- घर में दो शिवलिंग, तीन गणेश, दो शंख, दो सूर्य, तीन दुर्गा मूर्ति, दो गोमती चक्र और दो शालिग्राम की पूजा करने से गृहस्थ मनुष्य को अशांति होती है।