महिलाएं इस दिन बाल ना धोएं अन्यथा होगा अनिष्ट!

Webdunia
महिलाओं को कब अपने बाल या सिर धोना चाहिए और कब नहीं इस बारे में प्राचीनकाल से परंपरा चली आ रही है जोकि ज्योतिष और वास्तु की मान्यता पर आधारित है। माना जाता है कि यह सैकड़ों हजारों वर्षों के अनुभव पर आधारित है। हालांकि इसका कोई धार्मिक आधार नजर नहीं आता। इसे सही कहें या गलत यह कहा नहीं जा सकता क्योंकि यह शोध का विषय है।
 
भारत मैं ऐसी कई धारणाएं प्रचलित है जिनका संबंध हिन्दू धर्म से ही हो यह जरूरी नहीं। यह परंपरा और मान्यताओं का हिस्सा है। जैसे परंपरा और समाज की आम धारणा के अनुसार बाल और नाखून काटने के विषय में स्पष्ट संकेत प्राप्त होता कि शनिवार, मंगलवार और गुरुवार के दिन बाल और नाखून भूलकर भी नहीं काटना चाहिए, पर आखिर ऐसा क्यों?
 
ज्योतिष के अनुसार आम मान्यता है कि गुरुवार को बाल काटने, शेविंग करने और नाखून काटने से पुत्र पर संकट हो सकता है। हालांकि इससे अलग धारणा है कि शनिवार, मंगलवार और गुरुवार के दिन ग्रह-नक्षत्रों की दशाएं तथा अनंत ब्रह्मांड में से आने वाली अनेकानेक सूक्ष्मातिसूक्ष्म किरणें मानवीय मस्तिष्क पर अत्यंत संवेदनशील प्रभाव डालती हैं।  यह स्पष्ट है कि इंसानी शरीर में अंगुलियों के अग्र भाग तथा सिर अत्यंत संवेदनशील होते हैं। कठोर नाखूनों और बालों से इनकी सुरक्षा होती है इसीलिए ऐसे प्रतिकूल समय में इनका काटना शास्त्रों में वर्जित, निंदनीय और अधार्मिक कार्य माना गया है। खैर..
 
महिलाएं कब नहीं धोएं बाल : महिलाओं को सोमवार, बुधवार और गुरुवार को बाल नहीं धोना चाहिए। माना जाता है कि सोमवार को धोने से बेटी पर भार रहता है तो बुधवार को धोने से भाई पर। गुरुवार को न तो बाल धोते हैं, न घर में पोंछा लगाते हैं और न ही जाले साफ करते हैं। ऐसे करने से बरकत चली जाती है और कई तरह की आर्थिक परेशानी उठानी पड़ती है।

Show comments

वास्तु में हर प्रवेश द्वार का है महत्व, जानें किससे क्या फायदा और क्या नुकसान

चैत्र नवरात्रि में अष्टमी पर करें ये एकमात्र पूजा, नवमी की माता भी हो जाएंगी प्रसन्न

वास्तु शास्त्र के अनुसार हमेशा कंगाल रहते हैं इन 4 घरों में रहने वाले लोग

मेष संक्रांति के शुभ उपाय और पूजा विधि

नीचभंग राजयोग क्या होता है, क्या है उसका प्रभाव?

Ram Lala Surya Tilak: रामनवमी पर सूर्य की किरणों से होगा रामलला का तिलक, ट्रायल हुआ पूरा

baisakhi food items: बैसाखी पर्व विशेष फूड, नोट करें 5 रेसिपी

Skandamata ki Katha: नवदुर्गा नवरात्रि की चतुर्थी की देवी मां स्कंदमाता की कथा कहानी

Chaitra navratri 2024: चैत्र नवरात्रि में देवी को अर्पित करें ये खास तरह के 5 फूल, माता होंगी प्रसन्न

Ram navami Katha 2024 : रामनवमी की कथा कहानी

अगला लेख