19 अक्टूबर 2021 को शरद पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा। शरद पूर्णिमा पर दूध या दूध से बनी खीर को बनाकर छत पर चंद्रमा की रोशनी में रखा जाता है और फिर उसका सेवन किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन आसमान से अमृतमयी किरणों का आगमन होता है जिसके कारण यह दूध या खीर अमृत समान बन जाता है। यह बहुत ही पवित्र पूर्णिमा होती है और इस दिन ये 10 अशुभ काम नहीं करना चाहिए वर्ना बहुत भारी नुकसान हो सकता है।
ये 10 कार्य कतई न करें :
1. मांस-मछली : इस दिन किसी भी प्रकार के मांस, मटन, चिकन, मछली या मसालेदार भोजन, लहसुन, प्याज आदि का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि यह आपकी सेहत के लिए भारी नुकसान दायक हो साबित हो सकता है।
2. शराब : इस दिन किसी भी हालत में आप शराब ना पिएं क्योंकि इस दिन शराब का दिमाग पर बहुत गहरा असर होता है। इससे शरीर पर ही नहीं, आपके भविष्य पर भी दुष्परिणाम हो सकते हैं।
3. क्रोध : इस दिन क्रोध नहीं करना चाहिए। वैज्ञानिकों के अनुसार इस दिन चन्द्रमा का प्रभाव काफी तेज होता है इन कारणों से शरीर के अंदर रक्त में न्यूरॉन सेल्स क्रियाशील हो जाते हैं और ऐसी स्थिति में इंसान ज्यादा उत्तेजित या भावुक रहता है। ऐसे में क्रोध आपकी सेहत को भारी नुकसान तो पहुंचा ही देगा साथ ही आप क्रोध में कोई गलत कार्य को भी अंजाम दे सकते हो।
4. महिला संग शयन न करें : इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें अर्थात महिला संग शयन न करें क्योंकि यह बहुत ही पवित्र दिन होता है। यह शक्ति संचल करने का दिन माना गया है।
5. स्वच्छ जल : चांद का धरती के जल से गहरा संबंध है। जब पूर्णिमा आती है तो समुद्र में ज्वार-भाटा उत्पन्न होता है, क्योंकि चंद्रमा समुद्र के जल को ऊपर की ओर खींचता है। मानव के शरीर में भी लगभग 85 प्रतिशत जल रहता है। पूर्णिमा के दिन इस जल की गति और गुण बदल जाते हैं। अत: इस दिन जल की मात्रा और उसकी स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें। इस दिन अशुद्ध जल न पिएं।
6. लेन-देन : इस दिन धन का लेन-देन आपको आर्थिक संकट में डाल सकता है। अत: आप किसी भी प्रकार से दन का लेन देन न करें।
7. काले रंग से बचें : इस दिन काले रंग का प्रयोग न करें और ना ही नकारात्मक बातें सोचे।
8. दान न करें : इस दिन सूर्यास्त के बाद दान न करें। कहते हैं कि ऐसे करने से घर में गरीबी आती है।
9. बालों में कंघी न करें : मान्यता अनुसार महिलाएं इस दिन सूर्यास्त के बाद बालों में कंघी न करें, क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है।
10. भावना : जिन्हें मंदाग्नि रोग होता है या जिनके पेट में चय-उपचय की क्रिया शिथिल होती है, तब अक्सर सुनने में आता है कि ऐसे व्यक्ति भोजन करने के बाद नशा जैसा महसूस करते हैं और नशे में न्यूरॉन सेल्स शिथिल हो जाते हैं जिससे दिमाग का नियंत्रण शरीर पर कम, भावनाओं पर ज्यादा केंद्रित हो जाता है। अत: भावनाओं में बहें नहीं खुद पर नियंत्रण रखकर व्रत करें।