Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

शरद पूर्णिमा के दिन करें ये 10 कार्य और ये 10 कार्य कतई न करें

हमें फॉलो करें शरद पूर्णिमा के दिन करें ये 10 कार्य और ये 10 कार्य कतई न करें

अनिरुद्ध जोशी

, सोमवार, 18 अक्टूबर 2021 (15:56 IST)
आश्‍विन माह की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं। यह ऋतु परिवर्तन का समय होता है, जबकि वर्षा ऋतु समाप्त होकर शीत ऋतु की शुरुआत होती है। इस बार यह पूर्णिमा 19 अक्टूबर 2021 मंगलवार को है। आओ जानते हैं कि शरद पूर्णिमा के दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
 
 
करें ये 10 कार्य :
1. शरद पूर्णिमा के दिन छत या गैलरी पर चंद्रमा के प्रकाश में चांदी के बर्तन में दूध को रखा जाता है। फिर उस दूध को भगवान को अर्पित करने के बाद पिया जाता है।
 
2. कुछ लोग पूर्ण चंद्रमा के आकाश के मध्य स्थित होने पर उनका पूजन करते हैं और खीर का नैवेद्य अर्पण करने के बाद रात को खीर से भरा बर्तन खुली चांदनी में रखकर दूसरे दिन उसका भोजन करते हैं।
 
3. इस दिन घर में माताएं ज्यादा दूध लेती है। फिर दिनभर उसे ओटाती या उकालती घोटती रहती हैं। फिर उसमें केसर-मेवा आदि डालने के बाद रात को छत पर ले जाकर चंद्रमा को उसका प्रसाद चढ़ाकर उसका पूजन करती हैं। फिर चांदी का पतीला चंद्रप्रकाश में रख दिया जाता है ताकि चंद्रकिरणों से बरसता अमृत उसमें समा जाए। अंत में उसे पिया जाता है।
 
4. शरद पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी, चंद्र देव, भगवान शिव, कुबेर और भगवान श्री कृष्ण की आराधना की जाती है। शरद पूर्णिमा की रात में की गई चंद्र पूजन और आराधना से सालभर के लिए लक्ष्मी और कुबेर की कृपा प्राप्ति होती है।
 
5. शरद पूर्णिमा की रात में हनुमानजी के सामने चौमुखा दीपक जलाएं। इसके लिए आप मिट्टी का एक दीपक लें और उसमें तेल या घी भरें। इससे आपको हनुमानजी की विशेष कृपा प्राप्त होगी।
 
6. शास्त्रों में कहा गया है कि हर पूर्णिमा के दिन पीपल के वृक्ष पर मां लक्ष्मी का आगमन होता है। अत: आप सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर पीपल के पेड़ के सामने कुछ मीठा चढ़ाकर जल अर्पित करें।
webdunia
7. कहते हैं कि सफल दाम्पत्य जीवन के लिए पूर्णिमा के दिन पति-पत्नी दोनों को ही चन्द्रमा को दूध का अर्ध्य अवश्य ही देना चाहिए। इससे दाम्पत्य जीवन में मधुरता बनी रहती है।
 
8. किसी भी विष्णु लक्ष्मी मंदिर में जाकर इत्र और सुगन्धित अगरबत्ती अर्पित करनी चाहिए और धन, सुख समृद्धि और ऐश्वर्य की देवी मां लक्ष्मी से अपने घर में स्थाई रूप से निवास करने की प्रार्थना करें।
 
9. यदि कुंडली में चंद्र ग्रहण है तो यह दिन उसे हटाने का सबसे अच्छा दिन है। इस दिन चन्द्रमा से संबंधित चीजें दान करना चाहिए या इस दिन खुलकर लोगों दूध बांटना चहिए। इसके अलावा 6 नारियल अपने उपर से वार कर किसी बहती नदी में प्रवाहित करना चाहिए।
 
10. इस दिन शरद पूर्णिका की व्रत कथा सुनने के बाद व्रत का विसर्जन किया जाता है। व्रत कथा सुनने से जहां व्रत का लाभ मिलता है वहीं संतान सुख की प्राप्ति भी होती है।
 
ये 10 कार्य कतई न करें :
1. भोजन : इस दिन किसी भी प्रकार के तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। जैसे मांस, मटन, चिकन या मसालेदार भोजन, लहसुन, प्याज आदि।
 
2. शराब : इस दिन किसी भी हालत में आप शराब ना पिएं क्योंकि इस दिन शराब का दिमाग पर बहुत गहरा असर होता है। इससे शरीर पर ही नहीं, आपके भविष्य पर भी दुष्परिणाम हो सकते हैं।
 
3. क्रोध : इस दिन क्रोध नहीं करना चाहिए। वैज्ञानिकों के अनुसार इस दिन चन्द्रमा का प्रभाव काफी तेज होता है इन कारणों से शरीर के अंदर रक्‍त में न्यूरॉन सेल्स क्रियाशील हो जाते हैं और ऐसी स्थिति में इंसान ज्यादा उत्तेजित या भावुक रहता है। एक बार नहीं, प्रत्येक पूर्णिमा को ऐसा होता रहता है तो व्यक्ति का भविष्य भी उसी अनुसार बनता और बिगड़ता रहता है।
 
4. भावना : जिन्हें मंदाग्नि रोग होता है या जिनके पेट में चय-उपचय की क्रिया शिथिल होती है, तब अक्सर सुनने में आता है कि ऐसे व्यक्‍ति भोजन करने के बाद नशा जैसा महसूस करते हैं और नशे में न्यूरॉन सेल्स शिथिल हो जाते हैं जिससे दिमाग का नियंत्रण शरीर पर कम, भावनाओं पर ज्यादा केंद्रित हो जाता है। अत: भावनाओं में बहें नहीं खुद पर नियंत्रण रखकर व्रत करें।
 
5. स्वच्छ जल : चांद का धरती के जल से संबंध है। जब पूर्णिमा आती है तो समुद्र में ज्वार-भाटा उत्पन्न होता है, क्योंकि चंद्रमा समुद्र के जल को ऊपर की ओर खींचता है। मानव के शरीर में भी लगभग 85 प्रतिशत जल रहता है। पूर्णिमा के दिन इस जल की गति और गुण बदल जाते हैं। अत: इस दिन जल की मात्रा और उसकी स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें।
 
6. लेन-देन : इस दिन धन का लेन-देन आपको आर्थिक संकट में डाल सकता है। अत: आप किसी भी प्रकार से दन का लेन देन न करें।
 
7. काले रंग से बचें : इस दिन काले रंग का प्रयोग न करें और ना ही नकारात्मक बातें सोचे।
 
8. दान न करें : इस दिन सूर्यास्त के बाद दान न करें। कहते हैं कि ऐसे करने से घर में गरीबी आती है।
 
9. बालों में कंघी न करें : मान्यता अनुसार महिलाएं इस दिन सूर्यास्त के बाद बालों में कंघी न करें, क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है।
 
10. महिला संग शयन न करें : इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें अर्थात महिला संग शयन न करें।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

हिन्दुओं के लिए क्यों महत्वपूर्ण है बांग्लादेश, जानिए