मुंबई। बेहद उतार-चढ़ावभरे कारोबार में घरेलू शेयर बाजारों के मानक सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी 4 कारोबारी सत्रों के बाद मंगलवार को बढ़त लेने में सफल रहे। सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और रियल्टी कंपनियों को मिले समर्थन से बाजार में यह तेजी आई।
30 शेयरों वाले सूचकांक सेंसेक्स की शुरुआत कमजोर रही। कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और विदेशी निवेशकों की बिकवाली से यह एक समय 581.93 अंक यानी 1.10 प्रतिशत की गिरावट के साथ 52,260.82 अंक पर आ गया था। हालांकि इस स्तर पर बाजार को फिर समर्थन मिला और सेंसेक्स 53,484.26 अंक की ऊंचाई तक जा पहुंचा। कारोबार के अंत में यह 53,424.26 अंक पर बंद हुआ, जो पिछले दिवस की तुलना में 581.34 अंक यानी 1.10 प्रतिशत अधिक है।
इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी शुरुआती कारोबार में 115.75 अंक की गिरावट पर रहा। दिनभर रही उठापटक के बाद यह 16,013.45 अंक पर बंद हुआ, जो 150.30 अंक यानी 0.95 प्रतिशत की बढ़त को दर्शाता है। सोमवार को सेंसेक्स में 1,491.06 अंक की भारी गिरावट दर्ज की गई थी जबकि निफ्टी ने 382.20 अंक का गोता लगाया था।
सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में से सन फार्मा, टीसीएस, टेक महिंद्रा, एनटीपीसी, विप्रो, अल्ट्राटेक सीमेंट, डॉ. रेड्डीज लैब और इन्फोसिस के शेयर 3.99 प्रतिशत तक की बढ़त पर रहे, वहीं टाटा स्टील, नेस्ले, टाइटन कंपनी, पॉवरग्रिड, रिलायंस इंडस्ट्रीज और एसबीआई के शेयर नुकसान के साथ बंद हुए। व्यापक बाजार में बीएसई मिडकैप सूचकांक 1.46 प्रतिशत की तेजी पर रहा जबकि स्मॉलकैप में 1.33 प्रतिशत की बढ़त देखी गई।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि घरेलू सूचकांकों ने गिरावट के रुख को पलटा और फार्मा एवं आईटी जैसे निर्यातोन्मुख क्षेत्रों के दम पर बढ़त लेने में सफल रहे। डॉलर की तुलना में रुपए के भाव रिकॉर्ड स्तर पर गिरने के बाद इन कंपनियों में लिवाली का रुझान देखा गया। इसके अलावा विधानसभा चुनावों के एग्जिट पोल में अनुकूल नतीजे आने की संभावना से भी बाजार की उम्मीदों को बल मिला।
उन्होंने कहा कि प्रमुख पश्चिमी बाजार भी लाभ में रहे जबकि एशियाई बाजार वैश्विक मुद्रास्फीति दबाव में नीचे आ गए। एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग, शंघाई और टोकियो नुकसान के साथ बंद हुए, वहीं अमेरिका के शेयर बाजारों में सोमवार को तीव्र गिरावट देखी गई। इस बीच अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 2.87 प्रतिशत उछाल के साथ 126.6 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। विदेशी संस्थागत निवेशकों का भारतीय बाजारों से निकासी का सिलसिला जारी है। शेयर बाजार से मिली जानकारी के मुताबिक विदेशी निवेशकों ने सोमवार को भी 7,482.08 करोड़ रुपए मूल्य के शेयरों की बिकवाली की।