शीतला माता के 5 खास मंदिर, 800 साल से नहीं भरा है घड़ा

अनिरुद्ध जोशी
वैसे तो प्रत्येक शहर और गांव में शीतला माता का मंदिर रहता ही है। एक वृक्ष के नीचे शीतला माता की मूर्ति आपको हर जगह मिल जाएगी। उनमें से ही कुछ मंदिरों ने अब भव्य रूप धारण कर लिया है और कुछ ऐेसे मंदिर है जो कि चमत्कारिक है।
 

1. राजस्थान के पाली जिले में माता शीतला का बहुत ही प्राचनी और चमत्कारिक मंदिर है। कहते हैं कि यहां एक घड़ा है जो 800 साल से भर नहीं पाया है। यह घड़ा एक पत्थर से ढंका हुआ है। साल में दो बार चैत्र माह की शीतला अष्‍टमी और ज्‍येष्‍ठ माह की पूर्णिमा के दिन इसके ढक्कन को हटाया जाता है जिसमें लोग पानी डालते हैं। भक्तों का मानना है कि इस चमत्कारी घड़े में अब तक कई लाख लीटर पानी डाला जा चुका है, लेकिन घड़ा है कि भरने का नाम ही नहीं ले रहा है।
 
किवदंतियों के अनुसार आठ सौ साल पहले बाबरा नाम का एक राक्षस था। उसके आतंक से सब परेशान थे। जब लोगों के घर में शादी होती तो राक्षस दूल्हे को मार देता था। तब वहां के ब्राह्मणों ने शीतला माता की पूजा की। शीतला माता गांव के एक ब्राह्मण के सपने में आईं। उन्‍होंने कहा कि जब उसकी बेटी की शादी होगी तब वह राक्षस को मार देगीं।
 
शादी के समय शीतला माता एक छोटी कन्या के रूप में मौजूद थीं। माता ने अपने घुटनों से राक्षस को दबोचकर उसे मार डाला। इस दौरान राक्षस ने शीतला माता से वरदान मांगा कि गर्मी में उसे प्यास ज्यादा लगती है, इसलिए साल में दो बार उसे पानी पिलाना होगा। शीतला माता ने उसे यह वरदान दे दिया, तभी से यह पंरापरा चली आ रही है।
 
2. जबलपुर के पास पालन में घमापुर-शीतलामाई मार्ग पर पुरातात्विक महत्व का एशिया का संभवतः एकमात्र विशालतम शीतलामाई मंदिर है।
 
3. गुड़गांव गुरुग्राम में शीतला माता का प्राचीन मंदिर स्थित है। देश के सभी प्रदेशों से श्रद्धालु यहां मन्नत मांगने आते हैं। गुड़गांव का शीतला माता मंदिर देश भर के श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। यहां साल में दो बार एक-एक माह का मेला लगता है। यहां के शीतला माता मंदिर की कहानी महाभारत काल से जुड़ी हुई है।
 
महाभारत के समय में भारतवंशियों के कुल गुरु कृपाचार्य की बहन शीतला देवी (गुरु मां) के नाम से गुरु द्रोण की नगरी गुड़गांव में शीतला माता की पूजा होती है। लगभग 500 सालों से यह मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है। लोगों की मान्यता है कि यहाँ पूजा करने से शरीर पर निकलने वाले दाने, जिन्हें स्थानीय बोलचाल में (माता) कहते हैं, नहीं निकलते। 
 
4. भोपाल की बड़ी झील के किनारे वीआईपी रोड स्थित शीतला माता मंदिर शहर के प्राचीन मंदिरों में से एक है। इस मंदिर में करीब ढाई सौ वर्ष पुरानी माता शीतलादेवी एवं वीर महाराज की प्रतिमाएं आज भी उसी स्थान पर विराजमान हैं। तालाब के किनारे फतेहगढ़ क्षेत्र में स्थित यह मंदिर शुरू में खुले स्थान पर था। नीम, पीपल व बरगद के पेड़ के नीचे माता शीतलादेवी एवं वीर महाराज की प्रतिमाएं विराजमान थीं। बाद में जन सहयोग से मंदिर बनवाया गया।
 
5. लखनऊ के बाजारखाला क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मोहल्ला मेंहदीगंज में शीतला माता के एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक मंदिर है। यहां पर होली के 8वें दिन शीतला अष्टमी पर लखनऊ का मशहूर 'आठों का मेला' लगता है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Chaitra Navratri 2024 : चैत्र नवरात्रि इन 3 राशियों के लिए रहेगी बहुत ही खास, मिलेगा मां का आशीर्वाद

Cheti chand festival : चेटी चंड 2024 की तारीख व शुभ मुहूर्त

Hindu nav varsh 2024 : 30 साल बाद दुर्लभ संयोग और राजयोग में होगी हिंदू नववर्ष की शुरुआत

Chaitra Navratri 2024 : चैत्र नवरात्रि में किस पर सवार होकर आ रही हैं मां दुर्गा, जानें भविष्यफल

Surya grahan 2024: 8 अप्रैल का खग्रास सूर्य ग्रहण किन देशों में नहीं दिखाई देगा?

25th Roza 2024: 25वें रोजे तक आ पहुंचा माहे-रमजान का कारवां

Solar eclipse 2024 : सूर्य ग्रहण कितने बड़े एरिया से होकर गुजरेगा, नासा ने बताया पूरा रास्ता

Guru Amardas Ji : सिखों के तीसरे गुरु, गुरु अमर दास की जयंती, जानें अनसुने तथ्य

Tour & travels in indore: इंदौर के आसपास घूमने के लिए हैं 5 प्राचीन तीर्थ स्थल

Bhutadi amavasya 2024: चैत्र अमावस्या के दिन बन रहा है खतरनाक संयोग, इन उपायों से बचकर रहें

अगला लेख