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Mahashivratri 2025: कैसे करें महाशिवरात्रि का व्रत?

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WD Feature Desk

, सोमवार, 17 फ़रवरी 2025 (10:17 IST)
Mahashivratri 2025 Puja Vidhi : धार्मिक मान्यतानुसार शिव पूजन का पर्व महाशिवरात्रि का त्योहार हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण व्रत है, जो फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व भगवान शिव को समर्पित है, जो कि अत्यंत फलदायी माना जाता है। वर्ष 2025 में महाशिवरात्रि का पर्व 26 फरवरी, दिन बुधवार को पड़ रहा है। ALSO READ: महाकुंभ में महाशिवरात्रि के अंतिम अमृत स्नान में बन रहे हैं 5 शुभ योग, करें 5 कार्य, स्नान का मिलेगा दोगुना पुण्य
 
आइए जानते हैं महाशिवरात्रि व्रत कैसे करें...
 
इस दिन किस पूजन-विधान से देवों के देव महादेव प्रसन्न होंगे..., जानें कैसी हो तैयारी :ALSO READ: महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर भूलकर भी ना चढ़ाएं ये चीजें, रह जाएंगे भोलेनाथ की कृपा से वंचित
- महाशिवरात्रि से एक दिन पहले त्रयोदशी तिथि को सात्विक भोजन ग्रहण करें।
- चतुर्दशी तिथि के दिन सुबह जल्दी उठें यानि महाशिवरात्रि के दिन प्रातः स्नानादि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लें।
- नित्यकर्मों से निवृत्त होने के पश्चात साफ-सुथरे वस्त्र पहन लें।
- मस्तक पर भस्म का तिलक और गले में रुद्राक्ष माला धारण करें।
- भगवान शिव का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें।
- फिर मंदिर या घर, जहां पर आप पूजन करने वाले हैं, उस स्थान को स्वच्छ कर लें। 
- यदि शिवालय में पूजन करने जा रहे हैं तो शिवलिंग का विधिपूर्वक पूजन एवं शिव जी को नमस्कार करें।
- शिव जी के सामने श्रद्धापूर्वक व्रत का संकल्प लेते हुए 
'शिवरात्रिव्रतं ह्येतत्‌ करिष्येऽहं महाफलम। 
निर्विघ्नमस्तु से चात्र त्वत्प्रसादाज्जगत्पते।' 
यह बोलते हुए हाथ में लिए पुष्प, अक्षत, जल आदि को छोड़ने के पश्चात यह श्लोक पढ़ें। 
'देवदेव महादेव नीलकण्ठ नमोऽस्तु से, 
कर्तुमिच्छाम्यहं देव शिवरात्रिव्रतं तव।
तव प्रसादाद्देवेश निर्विघ्नेन भवेदिति। 
कामाश: शत्रवो मां वै पीडां कुर्वन्तु नैव हि।।' 
अर्थात्- हे देवधि देव! हे महादेव! हे नीलकंठ! आपको नमस्कार है।
हे देव! मैं आपका शिवरात्रि व्रत करना चाहता हूं। हे देवश्वर! आपकी कृपा से यह व्रत निर्विघ्न पूर्ण् हो और काम, क्रोध, लोभ आदि शत्रु मुझे पीड़ित न करें। 
- अब चांदी के एक पात्र में जल भरकर शिव जी की प्रतिमा या शिवलिंग पर जलाभिषेक करें।
और पंचामृत तथा गंगा जल से स्नान कराते समय 'ॐ नमः शिवाय' का उच्चारण करते रहें।
- फिर सफेद आंकड़े के पुष्प, स्वच्छ और साबुत बिल्वपत्र अर्पित करें। 
- सफेद चंदन अथवा गोपी चंदन से शिवलिंग या प्रतिमा को तिलक लगाएं। 
- सफेद आंकड़े के पुष्प अर्पण करते समय शिव स्तुति या महामृत्युंजय मंत्र पढ़ें।
- अब भांग, धतूरा, जायफल, फल, मिठाई तथा इत्र अर्पित करें और खीर का भोग लगाएं। 
- तत्पश्चात पूरे दिन भगवान भोलेनाथ का ध्यान करें एवं स्तुति करें। 
- सायंकाल या रात के समय में पुन: शिव जी का विधिवत पूजन-अर्चन करें। 
- भोलेनाथ को रात के समय खीर का प्रसाद अर्पित करें। 
- फिर रात्रि जागरण करते समय शिव जी के मंत्र, शिव भजन, श्लोक, स्तोत्र, शिव चालीसा आदि का पाठ करते हुए रात बिताएं। 
- इस व्रत के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।ALSO READ: Mahashivratri 2025 Date: महाशिवरात्रि कब है, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

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