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इस मंदिर में है रहस्यमयी शिवलिंग, दिन में तीन बार बदलता है रंग, वैज्ञानिक भी नहीं जान पाए हैं रहस्य

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WD Feature Desk

, शनिवार, 15 फ़रवरी 2025 (17:44 IST)
Achaleshwar Mahadev Temple, A Mysterious Shivling That Changes Color Thrice a Day: भारत देश अपने प्राचीन मंदिरों और धार्मिक स्थलों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। यहाँ कई ऐसे मंदिर हैं जो अपनी अनोखी विशेषताओं और चमत्कारों के लिए जाने जाते हैं। ऐसा ही एक अद्भुत मंदिर है अचलेश्वर महादेव मंदिर। राजस्थान के धौलपुर शहर से करीब 5 किलोमीटर दूर चंबल नदी के किनारे बीहड़ों में स्थित है अचलेश्वर महादेव मंदिर। इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहाँ स्थित शिवलिंग दिन में तीन बार अपना रंग बदलता है।

अचलेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास
अचलेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास बेहद रहस्यमयी है। किसी को नहीं पता कि इस मंदिर का निर्माण कब और किसने करवाया था। हालांकि, स्थानीय लोगों का मानना है कि यह मंदिर हजारों साल पुराना है। इस मंदिर का उल्लेख कई प्राचीन कथाओं में भी मिलता है।

शिवलिंग का रंग बदलने का रहस्य
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Achaleshwar mahadev temple dholpur

अचलेश्वर महादेव मंदिर में स्थित शिवलिंग का रंग दिन में तीन बार बदलता है। मना जाता है कि सुबह के समय शिवलिंग का रंग लाल होता है, दोपहर के समय केसरिया और शाम के समय सांवला हो जाता है। लेकिन शिवलिंग का रंग क्यों बदलता है, इसका रहस्य आज तक कोई नहीं जान पाया है। वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने भी इस रहस्य को सुलझाने की कोशिश की है, लेकिन उन्हें कोई सफलता नहीं मिली है।

शिवलिंग की गहराई का रहस्य
अचलेश्वर महादेव मंदिर में स्थित शिवलिंग की एक और खास बात यह है कि इस शिवलिंग की गहराई कितनी है, इसका पता आज तक नहीं चल पाया है। एक बार शिवलिंग के आखिरी छोर तक पहुंचने के लिए खुदाई करवाई गई थी, लेकिन जमीन के बहुत नीचे तक खोदने के बाद भी जब शिवलिंग का आखिरी छोर नहीं मिल पाया तो खुदाई को बंद करवा दिया गया। ALSO READ: इस शिव मंदिर में पत्थरों से आती है डमरू की आवाज, जानिए एशिया के सबसे ऊंचे शिव मंदिर का रहस्य

मंदिर से जुड़ी है ये मान्यता
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अचलेश्वर महादेव मंदिर में भगवान शिव के भक्त बड़ी संख्या में आते हैं। यहाँ के स्थानीय लोगों का मानना है कि इस मंदिर में सच्चे मन से मांगी गई हर मनोकामना पूरी होती है। इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां कुंवारे लड़के और लड़कियां अपने मनचाहे जीवनसाथी की कामना लेकर आते हैं और भोलेनाथ के आशीर्वाद से उनकी इच्छा पूरी होती है। यहां सोमवार के दिन शिवजी को जल चढ़ाने के लिए भारी भीड़ उमड़ती है। स्थानीय लोग बताते हैं कि अचलेश्वर शिवलिंग के पास एक बहुत लम्बा सर्प शिवलिंग की परिक्रमा करने आता है और किसी को नुकसान पहुंचाए बिना चला जाता है।  

अचलेश्वर महादेव मंदिर कैसे पहुंचे
अचलेश्वर महादेव मंदिर राजस्थान के धौलपुर शहर से करीब 5 किलोमीटर दूर चंबल नदी के किनारे बीहड़ों में स्थित है। धौलपुर शहर सड़क और रेल मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप यहाँ बस या ट्रेन के माध्यम से आसानी से पहुंच सकते हैं। धौलपुर से अचलेश्वर महादेव मंदिर के लिए आपको टैक्सी या ऑटो रिक्शा मिल जाएगी।

अचलेश्वर महादेव मंदिर एक अद्भुत और रहस्यमयी मंदिर है। यहाँ स्थित शिवलिंग का रंग बदलने का रहस्य आज भी वैज्ञानिकों और भक्तों के लिए एक चुनौती बना हुआ है। इस मंदिर की महिमा और चमत्कारों के बारे में सुनकर हर कोई हैरान रह जाता है। अगर आप भी प्राचीन मंदिरों और धार्मिक स्थलों के बारे में जानने में रुचि रखते हैं, तो आपको एक बार अचलेश्वर महादेव मंदिर जरूर जाना चाहिए।
अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।



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