Pitra Dosh NIvaran Mantra
हमारे धार्मिक कार्यों की पूर्णता बगैर मंत्र के नहीं होती है। श्राद्ध में भी इनका विशेष महत्व है। इसी तरह सूक्त कई हैं। दो सूक्त का उल्लेख पर्याप्त होगा। पहला है पुरुष सूक्त तथा दूसरा है पितृ सूक्त। इनके उपलब्ध न होने पर निम्नलिखित मंत्रों के प्रयोग से श्राद्ध कर्म की पूर्णता हो सकती है।
1. ॐ कुलदेवतायै नम:- 21 बार
2. ॐ कुलदैव्यै नम:- 21 बार
3. ॐ नागदेवतायै नम:- 21 बार
4. ॐ पितृ देवतायै नम:- 108 बार
5. ॐ पितृ गणाय विद्महे जगतधारिणे धीमहि तन्नो पित्रो प्रचोदयात्।- 1 लाख बार जाप करना चाहिए।
इनका प्रयोग कर पितरों को प्रसन्न किया जा सकता है। ब्राह्मण भोजन के लिए ब्राह्मण को बैठाकर पैर धोएं तथा भोजन करें। संकल्प पहले लें तथा ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें, वस्त्रादि दें। यदि शक्ति सामर्थ्य हो तो गौ-भूमि दान दें। न हो तो भूमि-गौ के लिए द्रव्य दें। इनका भी संकल्प होता है।