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सर्वपितृ अमावस्या पर गजछाया योग के साथ इस समय करें श्राद्ध तो होगा बेहद ही शुभ

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अनिरुद्ध जोशी

, मंगलवार, 5 अक्टूबर 2021 (18:32 IST)
इस बार सर्वपितृ अमावस्या पर बहत ही शुभ योग बन रहे हैं। जैसे 11 साल बार गजछाया योग, ब्रह्म योग, चतुर्गही योग और सर्वार्थसिद्धि योग बन रहे हैं। ऐसे में श्राद्ध करने का फल चार गुना बढ़ जाएगा। परंतु यह भी जरूरी है जानना कि आप इन योगों के साथ किस समय में श्राद्ध करें। आओ जानते हैं श्राद्ध का सबसे शुभ मुहूर्त।
 
1. इस बार पितृ पक्ष ( Pitru Paksha 2021 Start Date) 20 सितंबर 2021, सोमवार से प्रारंभ हुआ हैं और अब इसका समापन 6 अक्टूबर 2021, बुधवार को आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि अर्थात सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या ( sarva pitru moksha amavasya 2021 ) को होगा।
 
2. शास्त्रों के अनुसार कुतुप, रोहिणी और अभिजीत काल में श्राद्ध करना चाहिए। यही श्राद्ध करने का सही समय है।
 
3. कुतुप काल दिन के 11:30 बजे से 12:30 के मध्य का समय होता है। वैसे 'कुतुप बेला' दिन का आठवां मुहुर्त होता है। पाप का शमन करने के कारण इसे 'कुतुप' कहा गया है।
4. अभिजीत मुहूर्त भी उपरोक्त काल के मध्य का समय ही होता है। हालांकि सर्वपितृ अमावस्या पर अभिजीत मुहूर्त नहीं है।
 
5. रोहिणी काल अर्थात रोहिणी नक्षत्र काल के दौरान श्राद्ध किया जा सकता है। सर्वपितृ अमावस्या पर हस्त नक्षत्र रहेगा।
6. सर्वपितृ अमावस्या पर उचित समय में श्राद्ध करने से लाभ मिलता है। अग्नि पुराण अनुसार प्रात:काल देवताओं का पूजन होता है और मध्याह्न में पितरों का, जिसे 'कुतुप काल' कहते हैं। यानी श्राद्ध का समय तब होता है जब सूर्य की छाया पैरों पर पड़ने लगे। मध्याह्न काल श्राद्ध कर्म के लिए सबसे उपयुक्त है।

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