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shraddha Paksha 2025: श्राद्ध पक्ष में षष्ठी तिथि का श्राद्ध कैसे करें, जानिए कुतुप काल मुहूर्त और सावधानियां

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WD Feature Desk

, गुरुवार, 11 सितम्बर 2025 (14:59 IST)
Shashti Tithi Shraddha 2025: पितृ पक्ष में षष्ठी श्राद्ध पितरों को समर्पित एक महत्वपूर्ण दिन है। पितृ पक्ष में षष्ठी तिथि का श्राद्ध उन पूर्वजों के लिए किया जाता है, जिनका निधन षष्ठी तिथि को हुआ हो। यह श्राद्ध पितृ पक्ष के दौरान महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इस दिन विधिवत श्राद्ध करने से पितरों को शांति मिलती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस मुहूर्त में किए गए कर्मों का फल सीधे पितरों को मिलता है। कुतुप काल को श्राद्ध कर्म करने के लिए सबसे शुभ और महत्वपूर्ण समय माना जाता है। इस बार षष्ठी श्राद्ध 12 सितंबर 2025 को किया जा रहा है।ALSO READ: Sanja festival 2025: संजा लोकपर्व क्या है, जानिए पौराणिक महत्व और खासियत
 
षष्ठी श्राद्ध तिथि और मुहूर्त 2025
षष्ठी श्राद्ध की तिथि: शुक्रवार, 12 सितंबर 2025 को 
षष्ठी तिथि का आरंभ: 12 सितंबर 2025, सुबह 09:58 मिनट से।
षष्ठी तिथि का समापन: 13 सितंबर 2025, सुबह 07:23 मिनट पर।
 
श्राद्ध अनुष्ठान के शुभ मुहूर्त 
 
कुतुप मुहूर्त- दोपहर 12:10 से 12:59 तक। 
अवधि- 00 घंटे 49 मिनट्स
रौहिण मुहूर्त- दोपहर 12:59 से 01:48 मिनट तक। 
अवधि- 00 घंटे 49 मिनट्स
अपराह्न काल- दोपहर 01:48 से 04:16 मिनट तक। 
अवधि- 02 घंटे 28 मिनट्स
 
षष्ठी श्राद्ध की विधि, श्राद्ध कैसे करें?
 
1. शुद्धि और स्नान: श्राद्ध के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
 
2. तर्पण: दक्षिण दिशा की ओर मुख करके जल में काले तिल मिलाकर पितरों को तर्पण दें। तर्पण करते समय 'ॐ पितृभ्यः नमः' मंत्र का जाप करें।
 
3. पिंडदान: आटे, जौ या चावल से बने पिंडों को पितरों को अर्पित करें। यह क्रिया भी दक्षिण दिशा की ओर मुख करके की जाती है।
 
4. ब्राह्मणों को भोजन: एक या तीन ब्राह्मणों को श्राद्ध का भोजन कराएं। भोजन में खीर, पूड़ी, सब्जी और अन्य सात्विक व्यंजन शामिल करें। भोजन कराने के बाद ब्राह्मणों को दक्षिणा, वस्त्र और अन्य वस्तुएं दान करें।
 
5. पंचबलि: भोजन का कुछ अंश निकालकर पंचबलि यानी गाय, कुत्ता, कौआ, देवता और चींटी के लिए रखें। माना जाता है कि इन जीवों के माध्यम से भोजन पितरों तक पहुंचता है।
 
6. क्षमा याचना: श्राद्ध के अंत में पितरों से अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगें और उनका आशीर्वाद लें।ALSO READ: Shradh Paksha 2025: श्राद्ध कर्म नहीं करने पर क्या होता है?
 
श्राद्ध की सावधानियां: 
 
• सात्विकता: श्राद्ध के दिन घर में लहसुन, प्याज, मांस, मदिरा और अन्य तामसिक भोजन का सेवन न करें।
 
• ब्रह्मचर्य का पालन: इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
 
• विवाद: घर में किसी भी प्रकार का कलह या विवाद न करें।
 
• बाहरी भोजन: श्राद्ध करने वाले व्यक्ति को बाहर का भोजन नहीं करना चाहिए।
 
• शुभ कार्य: पितृ पक्ष के दौरान किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य जैसे विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि से बचना चाहिए।
 
• बाल और नाखून: श्राद्ध के दिन बाल कटवाना और नाखून काटना वर्जित है।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।ALSO READ: sanja ke geet : संजा लोकपर्व के लोकप्रिय सरल और प्यारे गीत

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