Shradh 2020 : श्राद्ध में ब्राह्मण भोज करवाने से पहले जान लें ये 8 आवश्यक निर्देश

पं. हेमन्त रिछारिया
Shradh Bhoj 2020
 
श्राद्ध में ब्राह्मण भोजन का विशेष महत्व है। शास्त्रानुसार ब्राह्मण पितरों के प्रतिनिधि होते हैं, पितर सूक्ष्म रूप से ब्राह्मणों के मुख से ही भोजन ग्रहण करते हैं। अत: श्राद्ध के भोजन को बनाते व करते समय कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक होता है।
 
वर्तमान में जानकारी के अभाव में केवल ब्राह्मण-भोजन करवा कर श्राद्ध की पूर्णता समझ ली जाती है किंतु हर सनातनधर्मी व्यक्ति को श्राद्ध में ब्राह्मण-भोजन कराने के नियमों का यथासंभव पालन अवश्य करना चाहिए।
 
आज हम 'वेबदुनिया' के पाठकों के लिए श्राद्ध भोज के नियमों की जानकारी प्रदान करेंगे कि श्राद्ध भोजन के शास्त्रोक्त नियम क्या हैं-
 
 
1. श्राद्ध-भोज में ब्राह्मण-
 
श्राद्ध-भोज कराने के लिए शास्त्र में योग्य ब्राह्मण के निमंत्रण का निर्देश है- जो सदाचारी हो, संध्या वंदन, गायत्री व अग्निहोत्र करता हो, सत्यवादी हो, धर्मग्रंथों व शास्त्रों का ज्ञाता हो, जप-अनुष्ठान करने वाले श्रोत्रिय ब्राह्मण को ही यथासंभव श्राद्धभोज के निमंत्रण में वरीयता देनी चाहिए, इनके अभाव में किसी अन्य ब्राह्मण को आमंत्रित करना चाहिए किंतु विद्या से हीन, नास्तिक, धर्म में आस्था ना रखने वाला, व्यापार करने वाला, गुरु की निंदा करने वाला, जुआ खेलने वाला, मदिरापान करने वाला, व्यसनी व अधम ब्राह्मणों का सर्वथा त्याग करना चाहिए।

2. श्राद्धभोज में आसन-
 
श्राद्धभोज में ऊनी, काष्ठ, कंबल, कुश व रेशम के आसन श्रेष्ठ माने गए हैं। यथासंभव श्राद्ध में ब्राह्मण भोज कराते समय इन्हीं आसनों का प्रयोग करना चाहिए।

3. श्राद्धभोज में पाद प्रक्षालन-
 
शास्त्रानुसार श्राद्धभोज कराने से पूर्व ब्राह्मणों के पाद-प्रक्षालन (पैर धुलाना) अनिवार्यरूपेण करना चाहिए। ब्राह्मणों के पैर धुलाते समय यह ध्यान रखें कि वे किसी ना किसी आसन पर विराजमान हों, खड़े-खड़े पैर धुलाने से पितर रुष्ट हो जाते हैं।

4. श्राद्धभोज में मौन की अनिवार्यता-
 
श्राद्धभोज में भोजन करते समय ब्राह्मण को मौन रहना अनिवार्य है, बहुत आवश्यक होने पर मांगने या इनकार का संकेत हाथ के इशारे से करना चाहिए। भोजन करते समय भोजन की प्रशंसा या भोजन में कुछ कमी की चर्चा नहीं करनी चाहिए। श्राद्धभोज कराने वालों को भी भोजन के संबंध में ब्राह्मणों से कुछ नहीं पूछना चाहिए।

5. श्राद्धभोज में पात्र की श्रेष्ठता-
 
श्राद्धभोज में भोजन परोसने हेतु स्वर्ण, रजत, कांस्य अथवा तांबे के पात्र क्रमश: श्रेष्ठ माने गए हैं। मिट्टी व लोहे के पात्र का सर्वथा निषेध है। इनके अभाव में पलाश की पत्तल का प्रयोग करना चाहिए। केले के पत्ते अथवा वर्तमान में प्रचलित कागज, प्लास्टिक व अन्य पदार्थ की बनी पत्तल पर श्राद्ध भोजन कदापि नहीं परोसना चाहिए।

6. श्राद्धभोज में रसोई-
 
श्राद्धभोज में भोजन पकाते समय विशेष शुचिता का ध्यान रखना चाहिए। श्राद्ध भोजन पकाते समय रसोईघर में किसी अपवित्र वस्तु या व्यक्ति का प्रवेश नहीं होना चाहिए। श्राद्धभोज की रसोई पकाते समय यदि उसमें कोई कीड़ा, मक्खी-मच्छर, बाल इत्यादि गिर जाए तो उसे पुन: प्रयोग नहीं करना चाहिए। श्राद्धभोज में प्याज, लहसुन, बैंगन, अरहर, शलजम, हींग, काला नमक, चना, अलसी, महुआ, गोल लौकी, गाजर का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

7. भोजन के उपरांत दक्षिणा-
 
शास्त्रानुसार कभी भी ब्राह्मण भोजन के उपरांत यदि ब्राह्मण को यथोचित दक्षिणा दिए बिना खाली हाथ विदा किया जाए तो ब्राह्मण-भोजन निष्फल हो जाता है। अत: केवल श्राद्धकर्म में ही नहीं अपितु सदैव ब्राह्मण-भोजन करवाने के उपरांत ब्राह्मण को यथासामर्थ्य दक्षिणा, श्रीफल व वस्त्र आदि देकर उनके चरणस्पर्श करने के पश्चात् ही उन्हें विदा करना चाहिए।

8. ब्राह्मण-भोजन के अभाव में आमान्न दान-
 
यदि श्राद्ध में उपर्युक्त शास्त्रोक्त नियमानुसार ब्राह्मण-भोजन कराना संभव नहीं हो तो उसके स्थान पर ब्राह्मण को आमान्न दान (बिना पका हुआ अन्न व सामग्री); जिसे लोकभाषा में 'सीदा' कहा जाता है, देकर भी श्राद्धकर्म किया जा सकता है।
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र
सम्पर्क: astropoint_hbd@yahoo.com


ALSO READ: सर्वपितृ अमावस्या : 16 दिन श्राद्ध नहीं किया है तो इस दिन करें ये 10 बड़े काम

ALSO READ: श्राद्ध पक्ष : 5 लक्षणों से जानें कि आपके पितृ आपको आशीर्वाद दे गए या श्राप

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

मार्गशीर्ष अमावस्या पर पितरों को करें तर्पण, करें स्नान और दान मिलेगी पापों से मुक्ति

जानिए क्या है एकलिंगजी मंदिर का इतिहास, महाराणा प्रताप के आराध्य देवता हैं श्री एकलिंगजी महाराज

Saturn dhaiya 2025 वर्ष 2025 में किस राशि पर रहेगी शनि की ढय्या और कौन होगा इससे मुक्त

Yearly Horoscope 2025: वर्ष 2025 में 12 राशियों का संपूर्ण भविष्‍यफल, जानें एक क्लिक पर

Family Life rashifal 2025: वर्ष 2025 में 12 राशियों की गृहस्थी का हाल, जानिए उपाय के साथ

सभी देखें

धर्म संसार

Weekly Horoscope 2-8 Dec 2024: दिसंबर का पहला सप्ताह किसके लिए रहेगा लकी, पढ़ें अपना साप्ताहिक राशिफल

Weekly Calendar 2024: दिसंबर महीने के पहले सप्ताह के शुभ मुहूर्त (जानें 02 से 08 दिसंबर तक)

Aaj Ka Rashifal: दिसंबर माह का पहला दिन क्या लाया है आपके लिए, पढ़ें अपना राशिफल

01 दिसंबर 2024 : आपका जन्मदिन

धनु संक्रांति कब है क्या होगा इसका फल?

अगला लेख