श्राद्ध किस जगह करें और किस जगह नहीं करें, जानें जरूरी जानकारी

अनिरुद्ध जोशी
गुरुवार, 8 सितम्बर 2022 (10:47 IST)
भाद्रपद की पूर्णिमा से अश्‍विन माह की अमावस्य तक श्राद्ध पक्ष चलता है जिसे पितृपक्ष भी कहते हैं। यदि आप इस दौरान अपने पितरों का श्राद्ध, तर्पण या पिंडदान करने जा रहे हैं तो यह भी जान लें कि शास्त्रों के अनुसार किस जगह श्राद्ध करना चाहिए और किस जगह पर नहीं। यदि अनुचित जगह पर श्राद्ध किया तो उसका फल नहीं मिलता है।
 
पितृपक्ष में कहां श्राद्ध करना चाहिए?
 
1. घर पर : श्राद्ध आप अपने घर में भी कर सकते हैं। दक्षिण में मुख करके श्राद्ध किया जाता है।
 
2. तट पर : किसी पवित्र नदी, नदी संगम, समुद्र में गिरने वाली नदियों के तट पर उचित समय में विधि-विधान से श्राद्ध किया जा सकता है।
 
3. बरगद के नीचे : पवित्र वट-वृक्ष के नीचे भी श्राद्ध कर्म किया जा सकता है।
 
4. तीर्थ क्षेत्र : शास्त्रों में उल्लेखित किसी तीर्थ क्षेत्र में भी श्राद्ध किया जा सकता है। 
 
5. समुद्र तट पर : समुद्र के तट पर भी श्राद्ध किया जा सकता है।
 
6. गोशाला : जहां बैल न हों ऐसी गौशाला में भी उचित स्थान को गोबर से लिपकर शुद्ध करके श्राद्ध किया जा सकता है।
 
7. पर्वत पर : पवित्र पर्वत शिखर पर भी श्राद्ध किया जा सकता है।
 
8. जंगल में : वनों में उचित स्थान, स्वच्छ और मनोहर भूमि पर भी विधिपूर्वक श्राद्ध किया जा सकता है।
पितृपक्ष में कहां पर श्राद्ध नहीं करना चाहिए?
 
1. दूसरों की भूमि पर : किसी की पर्सनल भूमि पर श्राद्ध नहीं करते हैं। भूमि सार्वजनिक होना चाहिए। अगर दूसरे के गृह या भूमि पर श्राद्ध करना पड़े तो किराया या दक्षिणा भूस्वामी को दे देना चाहिए।
 
2. अपवित्र भूमि : किसी भी प्रकार से अपवित्र हो रही भूमि पर भी श्राद्ध नहीं करते हैं। 
 
3. शमशान में : किसी ऐसे शमशान में श्राद्ध नहीं कर सकते हैं जिसे तीर्थ नहीं माना जाता।
 
4. देव स्थान पर : किसी मंदिर के अंदर या देवस्थान पर भी श्राद्ध कर्म नहीं करना चाहिए। इसके लिए पंडित से सलाह लें।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

चैत्र नवरात्रि की सप्तमी, अष्टमी और नवमी तिथि का क्या है महत्व?

इस साल क्यों खास है राम नवमी? जानिए कैसे भगवान राम की कृपा से जीवन में आ सकती है समृद्धि

राम नवमी पर महातारा जयंती, जानिए माता की पूजा का मुहूर्त

श्रीराम राज्य महोत्सव: कहां तक थी राम राज्य की सीमा?

राम नवमी के दिन क्या करें और क्या नहीं, जान लीजिए नियम

सभी देखें

धर्म संसार

06 अप्रैल 2025 : आपका जन्मदिन

18 अप्रैल: गुड फ्राइडे पर जा रहे हैं चर्च, तो रखें इन बातों का विशेष ध्यान

06 अप्रैल 2025, रविवार के मुहूर्त

चैत्र नवरात्रि की नवमी पर कर लें ये खास उपाय, मातारानी होंगी प्रसन्न

अयोध्या से धनुषकोडी तक ये हैं श्रीराम के पौराणिक स्थानों पर स्थित 10 मंदिर

अगला लेख