इस बार 15 दिन का श्राद्ध पक्ष

4 से 18 सितंबर तक रहेगा श्राद्ध पक्ष

Webdunia
ND

मान्यता और परंपरा के अनुसार श्राद्घ पक्ष को सोलह दिन का माना जाता है, लेकिन पंचांग तिथियों की घट-बढ़ के कारण इसके दिन कम-ज्यादा होते रहते हैं। इस वर्ष श्राद्घ पक्ष पंद्रह दिन का रहेगा।

अनंत चतुर्दशी के बाद पूर्णिमा से शुरू होने वाला श्राद्घ पक्ष सर्वपितृ अमावस्या को पूर्ण होता है। इसमें पूर्णिमा से लेकर अमावस्या तक के बीच सोलह तिथियों के अनुसार श्राद्घ किया जाता है। इस बार दो तिथियों के एक साथ आने के कारण श्राद्घ पक्ष पंद्रह दिन (4 से 18 सितंबर तक) का होगा।

यह स्थिति द्वादशी और त्रयोदशी (16 सितंबर) को एक साथ होने से निर्मित हुई है। ज्योतिषाचार्य और पंडितों के अनुसार तिथियों के क्षय होने या बढ़ने से श्राद्घ पक्ष के दिन कम-ज्यादा होते हैं। इसका मान्यता और परंपराओं पर कोई खास असर नहीं होता है।

तिथि के घटने-बढ़ने से श्राद्ध पक्ष की अवधि कम-ज्यादा होती रहती है। शास्त्रोक्त इसका लाभ-हानि पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। - पं. कृपाशंकर व्या स
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

धन, ज्ञान और शांति के लिए गुरु पूर्णिमा पर करें ये 7 उपाय, दूर होंगी सारी बाधाएं

गुरु पूर्णिमा 2025: सोच समझकर लें गुरु दीक्षा, जानिए सच्चे गुरु की पहचान

हरियाली अमावस्या कब है, जानिए पितृ दोष मुक्ति के 5 अचूक उपाय

गुरु पूर्णिमा: प्राचीन भारत के 14 महान गुरु जिन्होंने दिया धर्म और देश को बहुत कुछ

गुरु का मिथुन राशि में उदय, 12 राशियों का राशिफल

सभी देखें

धर्म संसार

10 जुलाई 2025 : आपका जन्मदिन

10 जुलाई 2025, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

यह 5 ऐसे गुरु हैं जिन्होंने स्थापित किया है भारत की धार्मिक संस्कृति को?

सावन में हुआ है बेटे का जन्म तो लाड़ले को दीजिए शिव से प्रभावित नाम, जीवन पर बना रहेगा बाबा का आशीर्वाद

श्रावण सोमवार व्रत कथा: पुत्र प्राप्ति और महादेव की कृपा