शिवजी के जयकारे में कावड़िये 'बोल बम बम भोले' क्यों बोलते हैं?

Webdunia
श्रावण मास में शिवजी के दर्शन करने के दौरान या कावड़िये यात्रा करने के दौरा 'बोल बम बम' के नारे लगाते हुए चलते हैं। आखिर ये 'बम बम भोले' या 'बोल बम बम' क्यों बोलते हैं?
 
 
शिवजी तो पर्वत, जंगल और शमशानवासी हैं। वैरागी बनकर वे इधर उधर घूमा करते हैं या किसी पर्वत पर वृक्ष के नीचे ध्यान लगाकर बैठ जाते हैं। उनके गण भी कई प्रकार के हैं कोई भूत प्रेत है तो तोफ पिशाच, कोई तांत्रिक है तो कोई देवता। कहते हैं कि बाबा को प्रसन्न करने के लिए किसी मंत्र, विशेष पूजन या वाद्ययंत्र की जरूरत नहीं पड़ती है। अन्य देवताओं की तरह भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शंख, नगाड़ा, मृदंग, भेरी, घण्टी आदि वाद्य बजाने की आवश्यकता नहीं है केवल गाल बजाकर 'बम-बम भोले', 'बोल बम-बम' या 'भोलेशंकर' कहकर उन्हें साष्टांग दंडवत करके प्रसन्न किया जा सकता है। इसीलिए वे 'आशुतोष' कहे जाते हैं।
 
शिवपुराण में अनुसार शिव पूजन के अंत में समस्त सिद्धियों के दाता भगवान शिव को गले की आवाज (मुख वाद्य) से संतुष्ट करना चाहिए। जिसमें 'बोल बम बम' या 'बम बम भोले' बोलना चाहिए।' 
 
एक बार भगवान शिवजी ने माता पार्वती को अपने स्वरूप का ज्ञान कराते हुए कहा था- 'प्रणव (ॐ) ही वेदों का सार और मेरा स्वरूप है। ॐकार मेरे मुख से उत्पन्न होने के कारण मेरे ही स्वरूप को बताता है। यह मन्त्र मेरी आत्मा है। इसका स्मरण करने से मेरा ही स्मरण होता है। मेरे उत्तर की ओर मुख से अकार, पश्चिम की ओर मुख से उकार, दक्षिण के मुख से मकार, पूर्व के मुख से बिन्दु और मध्य के मुख से नाद उत्पन्न हुआ है। इस प्रकार मेरे पांचों मुख से निकले हुए इन सबसे एक अक्षर 'ॐ' बना।'....कहते हैं कि 'बम बम' शब्द प्रणव का ही सरल रूप है इसीलिए 'बम बम' बोलकर शिवजी को प्रसन्न किया जाता है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

बसंत पंचमी का दूसरा नाम क्या है? जानें कैसे मनाएं सरस्वती जयंती

gupt navratri 2025: माघ गुप्त नवरात्रि में कौनसी साधना करना चाहिए?

मां सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए बसंत पंचमी पर लगाएं इन 5 चीजों का भोग?

जया और विजया एकादशी में क्या है अंतर?

फरवरी 2025 के प्रमुख व्रत एवं त्योहारों की लिस्ट

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: 31 जनवरी 2025, महीने का अंतिम दिन आज, जानें 12 राशियों का हाल

31 जनवरी 2025 : आपका जन्मदिन

31 जनवरी 2025, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

2 या 3 फरवरी कब मनाई जाएगी बसंत पंचमी, जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और भोग

माघ मास की गुप्त नवरात्रि की कथा

अगला लेख