Hanuman Chalisa

श्रावण मास में कावड़ यात्रा : इस शिव आराधना से क्या मिलता है धार्मिक लाभ

Webdunia
कावड़ यात्रा एक भाविक अनुष्ठान है जिसमें कर्मकांड के जटिल नियम के स्थान पर भावना की प्रधानता है जिसके फलस्वरूप इस श्रद्धा-कर्म के कारण महादेवजी की कृपा शीघ्र मिलने की स्थिति बनती है। यह प्रवास-कर्म व्यक्ति को स्वयं से, देश से व देशवासियों से परिचित करवाता है। यात्राकर्ता के प्रति अन्य जन का क्या कर्म होना चाहिए?
 
गोस्वामी तुलसीदासजी की जनप्रिय, प्रभावकारी अमर कृति रामचरित मानस की प्रत्येक चौपाई मंत्र है आध्यात्मिकता व नीति का। इसके पारायण से ऊर्जा की प्राप्ति तथा इसके अनुसरण से लौकिक व पारलौकिक दशा सुधर जाती है। इसके लंकाकांड में एक चौपाई है। 
 
जो गंगाजलु आनि चढ़ाइहि। 
सो साजुज्य मुक्ति नर पाइहि॥ 
 
अर्थात जो भगवान शिव पर गंगा जल चढ़ाएगा, वह मेरे साथ एकाकार हो जाएगा। उसकी मुक्ति निश्चित रूप से मेरे में समावेश होकर होगी। यह वाक्य प्रभु श्री रामजी ने कहे हैं। 
 
शिवजी पर जल चढ़ाने की या पवित्र-प्राकृतिक स्रोत का नीर अर्पण करने की महिमा व महत्व को बताने वाले अनेक प्रमाण वेद-पुराण व धार्मिक ग्रंथों व महापुरुषों की वाणी में उपलब्ध हैं। भोले-भंडारी को अभिषेक अधिक प्रिय है। इस कर्मकांड से वे अतिशीघ्र प्रसन्न होकर कर्ता की कामना के लिए तथास्तु कहने में किसी तरह का विलंब या प्रश्न नहीं करते हैं। 
 
आशुतोष के पूजन में आदिकाल से ही जलधारा की विधि संपन्न होती आ रही है। शास्त्रीय प्रमाण में तो इसका प्रभाव इस तरह लिखा है। 
 
स्नान्‌यित्वा विधानेन यो लिंग स्नान्‌पनोदकम्‌। 
त्रिः पिबेत्त्रिविधं पापं तस्येहाशु विनश्यति॥ 
 
जो जन शिवलिंग पर विधिपूर्वक जल चढ़ा करके तीन बार उसका आचमन (उसी जल को पीना) करता है, उसके शारीरिक, वाचिक व मानसिक, तीनों प्रकार के पाप शीघ्र नष्ट हो जाते हैं। 
 
नीलकंठेश्वर पर जल की महिमा व फल का वर्णन संभव नहीं है। परंतु इतना अवश्य है कि इस कर्म से धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष संबंधित इच्छाओं की तुरंत पूर्ति हो जाती है। इस कर्म में श्रद्धा-विश्वास की पूर्ण आवश्यकता है। इस फल के साक्षी असंख्य शिवभक्त हैं, जो इसमें अपनी संपूर्ण शक्ति व क्षमता से संग्लन हैं।

इस पूजा का एक प्रकार है कावड़ यात्रा जिसे कावड़ भी कहा जाता है। इसमें भक्त किसी भी प्राकृतिक-पवित्र जलस्रोत से जल लेकर ज्योतिर्लिंग, सिद्धलिंग या प्रतिष्ठित शिवलिंग पर अर्पित करने जाता है।

ALSO READ: कैसे शुरू हुई शुभ कावड़ यात्रा, कौन थे पहले कावड़िया?

सम्बंधित जानकारी

November 2025 Weekly Horoscope: साप्ताहिक राशिफल 24-30 नवंबर, इस सप्ताह किन राशियों को मिलेगी बड़ी सफलता, जानें अपना भाग्य

Mulank 5: मूलांक 5 के लिए कैसा रहेगा साल 2026 का भविष्य?

Lal Kitab Kanya Rashifal 2026: कन्या राशि (Virgo)- राहु करेगा संकट दूर, गुरु करेगा मनोकामना पूर्ण

Shani Margi 2025: 28 नवंबर 2025 को शनि चलेंगे मार्गी चाल, 3 राशियों को कर देंगे मालामाल

Baba Vanga Prediction 2026: बाबा वेंगा की वर्ष 2026 के लिए 5 प्रमुख भविष्यवाणियां

27 November Birthday: आपको 27 नवंबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 27 नवंबर, 2025: गुरुवार का पंचांग और शुभ समय

Shani margi gochar 2025: शनि का मीन राशि में मार्गी गोचर, 5 राशियों को मिलेगी राहत

Panchak November 2025: नवंबर 2025 में कब से कब तक है पंचक, जानें समय और प्रभाव

बुध ग्रह का वृश्‍चिक राशि में मार्गी गोचर 12 राशियों का राशिफल

अगला लेख