श्रावण मास में 12 राशियों के लोग Dry Fruits चढ़ाएं अपनी राशि के अनुसार

WD
श्रावण मास में भोलेनाथ शिव को भक्त कई तरह से प्रसन्न करने के प्रयास करते हैं, आइए जानते हैं कि सावन के पावन महीने में भगवान शंकर को अपनी राशि के अनुसार कौन से Dry Fruits चढ़ाने चाहिए। 
 
मेष राशि 
मेष राशि के स्वामी मंगल ग्रह है। आपको मुनक्‍का मिश्री में मिलाकर शिव जी को चढ़ाना चाहिए। 
 
वृषभ राशि
वृषभ राशि के स्वामी शुक्र हैं। आपको काजू और मिश्री भोलेनाथ को चढ़ाना चाहिए। 
 
मिथुन राशि 
मिथुन राशि का स्वामी बुध है। आपको पिस्ता और मिश्री शिव शंकर को चढ़ानी चाहिए। 
 
कर्क राशि 
कर्क राशि के स्वामी चंद्रदेव हैं। आपको मखाना के साथ मिश्री मिलाकर चढ़ानी चाहिए। 
 
सिंह राशि
सिंह राशि के स्वामी सूर्यदेव हैं। आपको सूखी खुबानी और बादाम आशुतोष को अर्पित करना चाहिए। 
 
कन्या राशि 
कन्या राशि के स्वामी भी बुध हैं। आप पिस्ता के अतिरिक्त किशमिश शंकर जी को चढ़ाएं। 
 
तुला राशि 
तुला राशि के स्वामी भी शुक्र हैं। आपको काजू और मिश्री के अलावा सूखा नारियल मिश्री के साथ चढ़ाना चाहिए। शिव जी को गीला नारियल नहीं चढ़ता है। 
 
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के स्वामी भी मंगल है। आपको मुनक्का के अलावा मूंगफली व अखरोट चढ़ाना चाहिए। 
 
धनु राशि 
धनु राशि के स्वामी गुरु है। धनु राशि जातक केशर और खजूर भगवान शंकर को भोग में अर्पित करें। 
 
मकर राशि
मकर राशि के स्वामी शनिदेव है। आप बादाम के साथ छुहारा-अंजीर भोलेनाथ के चरणों में रखें। 
 
कुंभ राशि
कुंभ राशि के स्वामी भी शनिदेव ही हैं। आप महादेव को सुपारी और बादाम चढ़ाएं। 
 
मीन राशि
मीन राशि के स्वामी भी गुरु हैं। आप भोलेनाथ को खजूर व केसर के अलावा किशमिश व मगज चढ़ा सकते हैं। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

सावन मास के दौरान सपने में शिवजी या सांप दिखाई दे तो क्या होता है?

त्रिसंध्या क्या होती है, कैसे करते हैं इसे?

सावन सोमवार में भगवान शिवजी की 3 प्रकार से करें पूजा, फिर देखें चमत्कार

सूर्य का कर्क राशि में गोचर चमकाएगा इन 5 राशियों की किस्मत

सावन में सातमुखी रुद्राक्ष धारण करने से मिलते हैं चमत्कारी परिणाम, खुल जाएंगे धन और ऐश्वर्य के द्वार

सभी देखें

धर्म संसार

18 जुलाई 2025 : आपका जन्मदिन

18 जुलाई 2025, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

धर्म या अहंकार: विश्व अशांति का मूल कारण

सावन मास का पहला प्रदोष कब है, जानें पूजा का मुहूर्त और संकट मुक्ति के 5 उपाय

कामिका एकादशी 2025 व्रत कथा, महत्व और लाभ: पापों से मुक्ति दिलाने वाला व्रत

अगला लेख