सावन सोमवार व्रत के नियम:
1. मनमाने तरीके से व्रत न करें। शास्त्र सम्मत व्रतों का पालन करें।
2. क्या खाएं और क्या नहीं यह जरूर जान लें।
3. व्रत वाले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
4. स्नान के बाद शिवजी के समक्ष जैसा भी व्रत करना चाहते हैं उस व्रत का संकल्प लें।
5. शिवलिंग की विधिवत पूजा करें। पंचोपचार या षोडशोपचार पूजा करें।
6. पूजा प्रात: 5 से 12 बजे के बीच करें और शाम को 5 बजे बाद कभी भी करें।
7. अभिषेक में पंचामृत अभिषेक या रुद्राभिषेक करें।
8. पूजन के पश्चात फल, खीर या फलाहार भगवान को अर्पित कर प्रसाद रूप में ग्रहण करें।
9. एकदम से पूर्णोपवास न करें। फलाहार लें, जूस लें या साबूदाना की खिचड़ी खाएं।
10. अगले दिन सूर्योदय के बाद व्रत का पारण करें। पारण यानी व्रत खोलना।
11. पारण के पहले शिवजी की पूजा आरती करके प्रसाद वितरण करें।
12. पूरे दिन "महामृत्युंजय मंत्र", "ॐ नमः शिवाय", या "शिव चालीसा" का पाठ करें।
ये सावधानियां रखें:-
1. अनाज, नमक, कड़ी, छाछ और तामसिक भोजन से दूर रहें।
2. यदि निर्जल व्रत कठिन हो तो नारियल पानी या सामान्य जल का सेवन किया जा सकता है।
3. दिनभर किसी से कटुता, झूठ या क्रोध न करें।
4. शिवलिंग की पूर्ण परिक्रमा न करें। जलाधारि को उल्लंघे नहीं।
5. दक्षिण या पश्चिम मुख करके शिवलिंग की पूजा नहीं करें।
6. व्रत का संकल्प लेने के बाद बीच में ही व्रत न तोड़े, कोई बड़ी समस्या हो तभी तोड़ें।
7. शिवलिंग पर तुलसी, हल्दी, सिंदूर, केतकी के फूल, नारियल आदि नहीं चढ़ाना चाहिए।