सिंघाड़े का आटा : इसकी रोटी या पुरी बनाकर भिंडी के साथ खा सकते हैं।
राजगीरा : इसकी रोटी या पुरी बनाकर दही या आलू की सब्जी के साथ खा सकते हैं।
कुट्टू : कुट्टू के आटे की रोटी या पुरी बनाकर अरबी की सब्जी के साथ खा सकते हैं।
भिंडी की सब्जी : बगैर नमक, हल्दी, प्याज और लहसुन की सब्जी बनाएं। सेंधा नमक डाल सकते हैं।
अरबी की सब्जी : बगैर नमक, हल्दी, प्याज और लहसुन की सब्जी बनाएं। सेंधा नमक डाल सकते हैं।
साबुदाने खिचड़ी : इसमें आलू और मूंगफली के दाने मिलाकर इसे बनाया जाता है।
मोरधन की खीर : दूध में मिलाकर इसमें ड्राइफूड डालकर इसे बनाया जा सकता है।
मोरधन की खिचड़ी : मोरधन को साबुदाने की तरह ही गलाकर इसकी खिचड़ी बनाई जाती है।
आलू का हलवा : आलू को उबालने के बाद मैश करें और उसमें थोड़ा शक्कर मिलकार इसका हलवा बनाएं।
साबूदाने की खीर : साबूदाने को दूध में उबालकर इसकी खीर बनाई जाती है।
फरियाली कढ़ी : दही में कुट्टू का आटा, मूंगफली के पिसे हुए दाने और आलू डालकर फरियाली कढ़ी बना सकते हैं।
फ्रूट रायता : दही में अपने अनुसार फलों और सूखे मेवों को मिलाकर इसका फ्रूट रायता बना सकते हैं।
शकरकंद का हलवा : आप चाहे तो आलू के हलवे की तरह शकरकंद का हलवा भी बना सकते हैं।
दही और आलू : दही और आलू को सब्जी बना सकते हैं, जिसे राजगीरा या सिंघाड़े की पुरी के साथ खा सकते हैं।
लौकी की खीर : यह भी काफी पौष्टिक होती है। कम चीन और अधिक ड्राई फूड डशलकर इसे बनाएं।
कच्चे केले की टिक्की : इसे आप घी में तलकर बना सकते हैं और इसे दही, हरी मिर्च की चटनी के साथ खा सकते हैं।
फ्रूट सलाद : सभी फलों को काटकर उसमें दही मिलाकर इसे मजेदार बनाया जा सकता है।
सावन माह में क्या नहीं खाना चाहिए?
पत्तेदार सब्जियां : बरसात में पालक, मैथी, लाल भाजी, बथुआ, बैंगन, गोभी, पत्ता गोभी जैसी सब्जियां नहीं खानी चाहिए। इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण यह है कि बरसात में इनसैक्ट्स की फर्टिलिटी बढ़ जाती है। कीड़े-मकोड़े अधिकाधिक पनपने लग जाते हैं। ये पत्तेदार सब्जियों के बीच तेजी से पनपते हैं। इसलिए बारिश के मौसम में पत्तेदार और कुछ विशेष साग नहीं खाना चाहिए।