- श्रावण मास में शिवजी और माता पार्वती की पूजा का महत्व रहता है।
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शिव जी को तुलसीदल का पत्ता नहीं चढ़ाया जाता है।
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शिवलिंग की जलाधारी को लांघा नहीं जाता है।
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उन्हें खंडित अक्षत नहीं चढ़ाए जाते हैं।
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मांस, मटन या मच्छी खाकर भी उनकी पूजा करना निषेध है।
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शिवजी को नारियल और नारियल पानी भी नहीं चढ़ाया जाता है।
श्रावण मास विशेष
श्रावण मास में शिवजी को कुछ विशेष वस्तुएं नहीं चढ़ाई जाती हैं, जानते हैं भगवान शिव की पूजा में रखना चाहिए कौन-सी सावधानियां।
शिव जी को न चढ़ाएं ये 8 चीजें
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1. शिवजी को केतकी और केवड़े का फूल नहीं चढ़ाया जाता है।
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2. उन्हें तुलसीदल का पत्ता भी नहीं चढ़ाया जाता है।
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3. शिवजी को नारियल और नारियल पानी भी नहीं चढ़ाया जाता है।
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4. शिवजी को हल्दी भी नहीं चढ़ाई जाती है।
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5. उन्हें कुककुम और रोली भी नहीं लगाई जाती है।
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6. उन्हें खंडित अक्षत नहीं चढ़ाए जाते हैं।
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7. शिवपूजा में सिंदूर भी नहीं चढ़ाया जाता है।
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8. शिवपूजा में सिर्फ तिल का प्रयोग नहीं करते हैं। तिल को गुड़ के साथ चढ़ाया जा सकता है।
ये कार्य ना करें :
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1. शिवजी की पूजा के दौरान शंख नहीं बजाया जाता है।
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2. शिवलिंग की जलाधारी को लांघा नहीं जाता है।
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3. शिवलिंग की पूरी परिक्रमा नहीं की जाती है।
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4. काले रंग के कपड़े पहनकर उनकी पूजा नहीं की जाती है।
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5. किसी भी प्रकार का नशा करने उनकी पूजा करना अपराध है।
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6. मांस, मटन या मच्छी खाकर भी उनकी पूजा करना निषेध है।