Hanuman Chalisa

श्रावण मास 2019 : इस महीने में क्या खाएं, क्या नहीं, आपको पता होना चाहिए यह जानकारी

Webdunia
श्रावण मास में कुछ खास चीजें बिलकुल नहीं खाई जाती हैं। इस बरसते-गरजते मौसम में कुछ फल सब्जियों को नहीं खाना चाहिए। क्योंकि इन सब्जियों में इस समय विषैलापन बढ़ जाता है जो सेहत के लिए ठीक नहीं होता। 
 
आइए जानते हैं श्रावण में क्या खाएं और क्या न खाएं 
 
श्रावण के दौरान वर्षा ऋतु पूरे शबाब पर होती है। सूर्य की धूप कम होती है। जिसके चलते पाचन में मदद करने वाले एंजाइम पनप नहीं पाते हैं। खास तौर पर पेप्सिन और डाइसटेस 37 डिग्री पर एक्टिव रहते हैं।
 
बरसात या चौमासे के समय तापमान कम होने से इनकी एक्टिविटीज कम हो जाती है। दूसरी ओर बीमारियां भी इसी समय बढ़ जाती हैं। 
 
व्रत में खाए जाने वाले फ्रूट्स विशेषकर पपीते में पेप्सिन बॉडी को मिलता है। मौसम की संधि या ऋतु परिवर्तन के समय शरीर मौसम परिवर्तन को जल्द स्वीकार नहीं कर पाता है, इसलिए ऋषि-मुनियों के द्वारा इन दिनों व्रत रखने की परम्पराएं शुरू की गईं। दूसरी ओर व्रत रखने से शरीर को स्वास्थ्यवर्धक और सात्विक आहार मिलता है जो इम्यून सिस्टम (रोग प्रतिरोधक क्षमता) को मजबूती देता है।
 
इसलिए नहीं खाते पत्तेदार सब्जियां 
 
बरसात में पालक, मैथी, लाल भाजी, बथुआ, बैंगन, गोभी, पत्ता गोभी जैसी सब्जियां नहीं खानी चाहिए। इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण यह है कि बरसात में इनसैक्ट्स की फर्टिलिटी बढ़ जाती है। कीड़े-मकोड़े अधिकाधिक पनपने लग जाते हैं। ये पत्तेदार सब्जियों के बीच तेजी से पनपते हैं। इसलिए बारिश के मौसम में पत्तेदार और कुछ विशेष साग नहीं खाना चाहिए। 
 
घाघ-भड्डरी भी बोले चैते गुड़ बैसाखे तेल, जेठे पन्थ अषाढ़े बेल, सावन साग न भादों दही, क्वांर करेला न कार्तिक मही, अगहन जीरा पूसे धना, माघ मिश्री फागुन चना, ई बारह जो देय बचाय, वाहि घर बैद कबौं न जाय। घाघ और भड्डरी की यह कहावत बताती है कि हर मास क्या खाना चाहिए, क्या नहीं... 
 
इन दिनों जो लोग कम खाते हैं उनका शरीर ज्यादा समय तक फिट रहता है, वहीं ज्यादा खाने से ढल जाता है। उपवास करने से शरीर आरंभ में परेशान होता है, लेकिन वक्त के साथ उसे भूखे पेट रहने की आदत पड़ जाती है। 12 घंटे तक कुछ न खाने वाले लोगों के शरीर में ऑटोफागी नाम की सफाई प्रक्रिया शुरू हो जाती है। बेकार कोशिकाओं को शरीर साफ करने लगता है। भूख और उपवास नई कोशिकाओं के निर्माण में फायदेमंद है। ऑटोफागी की खोज के लिए 2016 में जापानी वैज्ञानिक योशिनोरी ओसुमी को नोबेल पुरस्कार मिला था।
 
इन दिनों कैंसर के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में उपवास वाले दिन सात्विक भोजन करने, प्याज-लहसुन और मांसाहर से परहेज करने और सिर्फ फलों का ज्यादा सेवन करने से आप न सिर्फ स्वस्थ रहते हैं बल्कि कैंसर की आशंका भी कम हो जाती है। उपवास करने से जीवन लंबा हो सकता है क्योंकि डायबीटीज और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा भी कम हो जाता है। साथ ही व्रत करने वाले काफी हल्का भी महसूस करते हैं।
 
व्रत रखने से शरीर में ऐसे हॉर्मोन निकलते हैं, जो फैटी टिश्यूज़ को तोड़ने में मदद करते हैं, यानी आपका वजन कम हो सकता है। रिसर्च में भी यह बात साबित हो चुकी है कि शॉर्ट टर्म फास्टिंग यानी कुछ समय के लिए उपवास रखने से शरीर का मेटाबॉलिज्म तेजी से बढ़ता है जिससे वेट लॉस में मदद मिलती है।
 
व्रत रखने से शरीर शुद्ध होता है। शरीर से जहरीले तत्व बाहर निकलते हैं, बशर्ते आप व्रत के दौरान फल और सब्जियों का सेवन ज्यादा करें। आयुर्वेद के अनुसार, व्रत रखने से शरीर में जठराग्नि (डाइजेस्टिव फायर) बढ़ती है। इससे पाचन बेहतर होता है। इससे गैस की समस्या भी दूर होती है।
 
व्रत हमारे शरीर को हल्का रखता है। हल्के शरीर से मन भी हल्का रहता है और दिमाग बेहतर तरीके से काम करता है। व्रत पूरी सेहत पर सकारात्मक असर डालता है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Dev uthani ekadashi deep daan: देव उठनी एकादशी पर कितने दीये जलाएं

यदि आपका घर या दुकान है दक्षिण दिशा में तो करें ये 5 अचूक उपाय, दोष होगा दूर

Dev Uthani Ekadashi 2025: देव उठनी एकादशी की पूजा और तुलसी विवाह की संपूर्ण विधि

काशी के मणिकर्णिका घाट पर चिता की राख पर '94' लिखने का रहस्य: आस्था या अंधविश्‍वास?

Vishnu Trirat Vrat: विष्णु त्रिरात्री व्रत क्या होता है, इस दिन किस देवता का पूजन किया जाता है?

सभी देखें

धर्म संसार

03 November Birthday: आपको 3 नवंबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 03 नवंबर, 2025: सोमवार का पंचांग और शुभ समय

Aaj Ka Rashifal: आज का दैनिक राशिफल: मेष से मीन तक 12 राशियों का राशिफल (02 नवंबर, 2025)

02 November Birthday: आपको 2 नवंबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 02 नवंबर, 2025: रविवार का पंचांग और शुभ समय

अगला लेख