Biodata Maker

भगवान शिव का जन्म नहीं हुआ है तो फिर क्या है उनकी अवतरण कथा...

Webdunia
हम सबके प्रिय भगवान शिव का जन्म नहीं हुआ है वे स्वयंभू हैं। लेकिन पुराणों में उनकी उत्पत्ति का विवरण मिलता है। विष्णु पुराण के अनुसार ब्रह्मा भगवान विष्णु की नाभि कमल से पैदा हुए जबकि शिव भगवान विष्णु के माथे के तेज से उत्पन्न हुए बताए गए हैं। विष्णु पुराण के अनुसार माथे के तेज से उत्पन्न होने के कारण ही शिव हमेशा योगमुद्रा में रहते हैं। 
 
श्रीमद् भागवत के अनुसार एक बार जब भगवान विष्णु और ब्रह्मा अहंकार से अभिभूत हो स्वयं को श्रेष्ठ बताते हुए लड़ रहे थे तब एक जलते हुए खंभे से भगवान शिव प्रकट हुए।
 
विष्णु पुराण में वर्णित शिव के जन्म की कहानी शायद भगवान शिव का एकमात्र बाल रूप वर्णन है। इसके अनुसार ब्रह्मा को एक बच्चे की जरूरत थी। उन्होंने इसके लिए तपस्या की। तब अचानक उनकी गोद में रोते हुए बालक शिव प्रकट हुए। ब्रह्मा ने बच्चे से रोने का कारण पूछा तो उसने बड़ी मासूमियत से जवाब दिया कि उसका कोई नाम नहीं है इसलिए वह रो रहा है। 
 
तब ब्रह्मा ने शिव का नाम ‘रूद्र’ रखा जिसका अर्थ होता है ‘रोने वाला’। शिव तब भी चुप नहीं हुए। इसलिए ब्रह्मा ने उन्हें दूसरा नाम दिया पर शिव को नाम पसंद नहीं आया और वे फिर भी चुप नहीं हुए। इस तरह शिव को चुप कराने के लिए ब्रह्मा ने 8 नाम दिए और शिव 8 नामों (रूद्र, शर्व, भाव, उग्र, भीम, पशुपति, ईशान और महादेव) से जाने गए। शिव पुराण के अनुसार यह नाम पृथ्वी पर लिखे गए थे।
 
शिव के इस प्रकार ब्रह्मा पुत्र के रूप में जन्म लेने के पीछे भी विष्णु पुराण की एक पौराणिक कथा है। इसके अनुसार जब धरती, आकाश, पाताल समेत पूरा ब्रह्माण्ड जलमग्न था तब ब्रह्मा, विष्णु और महेश (शिव) के सिवा कोई भी देव या प्राणी नहीं था। तब केवल विष्णु ही जल सतह पर अपने शेषनाग पर लेटे नजर आ रहे थे। तब उनकी नाभि से कमल नाल पर ब्रह्मा जी प्रकट हुए। ब्रह्मा-विष्णु जब सृष्टि के संबंध में बातें कर रहे थे तो शिव जी प्रकट हुए। ब्रह्मा ने उन्हें पहचानने से इंकार कर दिया। तब शिव के रूठ जाने के भय से भगवान विष्णु ने दिव्य दृष्टि प्रदान कर ब्रह्मा को शिव की याद दिलाई।
 
ब्रह्मा को अपनी गलती का एहसास हुआ और शिव से क्षमा मांगते हुए उन्होंने उनसे अपने पुत्र रूप में पैदा होने का आशीर्वाद मांगा। शिव ने ब्रह्मा की प्रार्थना स्वीकार करते हुए उन्हें यह आशीर्वाद प्रदान किया। जब ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना शुरू की तो उन्हें एक बच्चे की जरूरत पड़ी और तब उन्हें भगवान शिव का आशीर्वाद ध्यान आया। अत: ब्रह्मा ने तपस्या की और बालक शिव बच्चे के रूप में उनकी गोद में प्रकट हुए।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Diwali 2025: धनतेरस पर भूलकर भी उधार में ना दें ये 4 चीजें, रूठ जाती हैं मां लक्ष्मी

Tula sankranti 2025: तुला संक्रांति पर 12 राशियों के जातक करें ये खास उपाय, मिलेगा मनचाहा फल

Diwali 2025: क्या लक्ष्मी जी के दत्तक पुत्र हैं श्रीगणेश?, जानिए दिवाली पर लक्ष्मी जी के साथ क्यों पूजे जाते हैं

Diwali 2025: दिवाली की सफाई में घर से मिली ये 4 चीजें देती हैं मां लक्ष्मी की कृपा का संकेत

Govatsa Dwadashi 2025: गोवत्स द्वादशी कब है? जानें व्रत के नियम, मुहूर्त, पूजा विधि और पौराणिक कथा

सभी देखें

धर्म संसार

15 October Birthday: आपको 15 अक्टूबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Diwali lakshmi pujan 2025: दिवाली पर लक्ष्मी पूजन 2025: सही समय, सामग्री और पूजा विधि

Dhanteras 2025: धनतेरस पर शनि प्रदोष का महासंयोग, शिव कृपा से ये उपाय दिलाएंगे दोगुना लाभ

Dhanteras 2025: धनतेरस की रात करें ये चमत्कारी उपाए, मां लक्ष्मी की विशेष कृपा से हो जाएंगे मालामाल

चिन्मय मिशन की गीता श्लोक गायन प्रतियोगिता: इंदौर के प्रतिभागियों का शानदार प्रदर्शन

अगला लेख