हिन्दू धर्म में भगवान शिव को सर्वोच्च देवता माना जाता है। रुद्र रूप में उनकी महिमा का वर्णन वेदों में भी मिलता है और पुराणों में भी। आओ जानते हैं कि भगवान शिवजी का जल से क्यों है खास संबंध, जानिए 10 रोचक बातें।
1. यह बड़े अश्चर्य वाली बात है कि विष्णुजी जल में निवास करते हैं और जलाभिषेक शिवजी का होता है। दरअसल शिवजी जमे हुआ जल वाले स्थान पर रहते हैं। जमे हुए अर्थात बर्फ वाले स्थान कैलाश पर निवास करते हैं जहां कैलाश मानसरोवर भी है।
2. शिवलिंग के 3 हिस्से होते हैं। पहला हिस्सा जो नीचे चारों ओर भूमिगत रहता है। मध्य भाग में आठों ओर एक समान पीतल बैठक बनी होती है। अंत में इसका शीर्ष भाग, जो कि अंडाकार होता है जिसकी कि पूजा की जाती है। इस शिवलिंग की ऊंचाई संपूर्ण मंडल या परिधि की एक तिहाई होती है। ये 3 भाग ब्रह्मा (नीचे), विष्णु (मध्य) और शिव (शीर्ष) के प्रतीक हैं। शीर्ष पर जल डाला जाता है, जो नीचे बैठक से बहते हुए बनाए गए एक मार्ग से निकल जाता है। संपूर्ण ब्रह्मांड उसी तरह है जिस तरह कि शिवलिंग का रूप है जिसमें जलाधारी और ऊपर से गिरता पानी है।
3. शिवजी का खास माह श्रावण का माह है जो कि बारिश का महीना होता है। इस पूरे माह बारिश होती रहती है।
4. शिवजी के कई ऐसे मंदिर है जहां के शिवलिंग जल में ही डूबे रहते हैं या शिवलिंग के उपर झरने का पानी गिरता रहता है।
5. अमरनाथ में बर्फ का जो शिवलिंग निर्मिन होता है वह एक एक बूंद जल टपकने के कारण ही निर्मित होता है।
6. शिवजी के मस्तक पर गंगा और चंद्र विराजित है जो कि जल से ही संबंधित हैं।
7. समुद्र मंथन के दौरान निकले हलाहल अर्थात कालकूट नामक विष को पीने के कारण शिवजी के शरीर में गर्मी बढ़ गई थी और उनका मस्तक गर्म हो गया था। मान्यता है कि विष का प्रभाव कम करने के लिए ही शिवलिंग पर जल चढ़ाया जाता है।
8. कई मंदिरों में शिवलिंग के ऊपर कलश भी लगा होता है, जिससे लगातार 24 घंटे जल की बूंदें गिरती रहती हैं। इसलिए जल से ही उनका अभिषेक करने से उत्तम फल मिलता है।
9. जब बारिश नहीं होती है तो कई जगहों पर शिवलिंग को जल में डूबो दिया जाता है। ऐसी मान्यता है कि ऐसे करने से बारिश प्रारंभ हो जाती है।
10. शिव पुराण के अनुसार जल ही शिव है और शिव ही जल है।