गीता जयंती 2024: गीता के प्रति क्यों अब विदेशी भी होने लगे हैं आकर्षित?

Gita Jayanti 2024
WD Feature Desk
मंगलवार, 3 दिसंबर 2024 (16:44 IST)
Gita Jayanti 2024: चार्ल्स विलिकन्स, एडविन अर्नाल्ड, विलियम जोन्स, अंग्रेज गर्वनर जनरल वारेन हेस्टिंग्स, फ्रेंच विद्वान डुपरो, दार्शनिक और पादरी इमर्सन, वैज्ञानिक राबर्ट ओपन हीमर, मदाम ब्लावटस्की, दार्शनिक विल डयून्ट, दार्शनिक जूलियस रॉबर्ट ओपेनहाइमर, शोपेनहावर, एल्डस हक्सले, चार्ल्स विल्किंस, हेनरी डेविड थोरो, मशहूर वैज्ञानिनक अल्बर्ट आइंस्टाइन, दार्शनिक एनी बेसेंट, मशहूर जर्मन कवि, उपन्यासकार और पेंटर हरमन हेस, मशहूर दर्शनशास्त्री और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता अल्बर्ट श्विट्ज़र, स्विस मनोवैज्ञानिक कार्ल जुंग आदि ऐसे सैंकड़ों विदेशी हैं जो हिंदू धर्मग्रंथ गीता से प्रभावित थे।ALSO READ: गीता का 5161वां वर्षगांठ उत्सव चल रहा है, जानिए 7 खास बातें
 
1. विश्‍व की लगभग 60 से ज्यादा भाषाओं में गीता का अनुवाद हो चुका है। चार्ल्स विलिकन्स से सन 1776 में गीता का अंग्रेजी में अनुवाद कराया। इसके बाद मैकमिलन पब्लिशर्स ने साल 1968 में पहली बार अंग्रेजी में गीता को प्रकाशित किया था। 
 
2. अन्तर्राष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कान) के संस्थापक तथा हरे राम हरे कृष्ण आन्दोलन के प्रवर्तक श्रील प्रभुपाद के विश्वप्रसिद्ध गीता-भाष्य- 'श्रीमद्भागवत गीता यथा रूप' का नजरिया बहुत अलग ही है। इस्कॉन की स्थापना 1966 में न्यूयॉर्क सिटी में की थी। इस संगठन का उद्येश्य गीता का प्रचार करना और सभी को श्रीकृष्‍ण की भक्ति से जोड़ना है। इस्कॉन के कारण ही गीता एक वैश्‍विक धार्मिक ग्रंथ बना है।
 
3. महर्षि अरविंद ने गीता पर अपने प्रसिद्ध भाष्य लिखे हैं। इसके बाद ओशो रजनीश में गीता में कुछ भी नहीं लिखा उन्होंने गीता पर जो अद्भुत प्रवचन दिए उसे ही लिपिबद्ध कर उसका नाम 'गीता दर्शन' रखा गया। यह किताब लकभग 8 भागों में है और अब यह किताब भी विश्‍व की कई भाषाओं में अनुवादित हो चुकी है। अंग्रेजी में इसके कई संस्करण निकल चुके हैं। 
 
4. इंटरनेट और सोशल मीडिया के युग में अब गीता का वैश्‍विक प्रचार प्रसार होने लगा है। इसके चलते रशिया, यूक्रेन, आर्मेनिया, अजरबैजान, कजाकिस्तान, इटली, जर्मन, ब्रिटेन, अमेरिका आदि देशों के लोग गीता को जानने और समझने लगे हैं। भारत के उत्तर प्रदेश में वृंदावन में हजारों विदेश लोग आपको मिल जाएंगे जो कि गीता को पढ़कर और समझकर कृष्‍ण भक्त बन गए हैं। इस्कॉन के माध्यम से वर्तमान में पूरे विश्‍व में लोग गीता के प्रति आकर्षित हो रहे हैं। भगवद्गीता विश्वभर में भारत के आध्यात्मिक ज्ञान के मणि के रूप में विख्यात है। श्रील प्रभुपाद का भाष्य श्रीमद्भागवत गीता (यथरूप) नाम से दुनियाभर की कई भाषाओं में गीता सबसे ज्यादा बिकने वाली पुस्तकों में से एक है। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

अगस्त्य तारे को अर्घ्य देने का क्या है महत्व?

अमरनाथ की गुफा किसने खोजी और किसने शुरू की थी यात्रा, जानिए पौराणिक प्राचीन इतिहास

दही के इन आसान उपायों से मजबूत होता है शुक्र ग्रह: जानें कमजोर शुक्र के लक्षण और निवारण

वैशाख मास का महत्व और इस माह के अचूक 5 उपाय

बड़ी खबर: जगन्नाथ मंदिर के ध्वज को ले उड़ा गरुड़, अनहोनी की आशंका

सभी देखें

धर्म संसार

बड़ी खबर: यूनेस्को के मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में हिंदू धर्मग्रंथ गीता और नाट्यशास्त्र भी शामिल

भगवान परशुराम और श्री राम एक ही काल में साथ-साथ थे तो दोनों विष्णु के अवतार कैसे हो सकते हैं?

अमरनाथ यात्रा के बीच इन 5 कठिनाइयों का करना पड़ता है सामना

यीशु मसीह की 10 प्रमुख कहानियां और उनका संदेश

Aaj Ka Rashifal: दैनिक राशिफल 19 अप्रैल, आज का भाग्य आपके साथ है या नहीं? पढ़ें 12 राशियां

अगला लेख