श्रीकृष्ण की 8 पत्नियों के 80 पुत्र, सभी मारे गए बचा तो केवल एक?

अनिरुद्ध जोशी
सोमवार, 1 जून 2020 (18:39 IST)
भगवान श्रीकष्ण ने आठ महिलाओं से विवाह किया था। इन आठ महिलाओं से उनको 80 पुत्र मिले थे। इन आठ महिलाओं को अष्टा भार्या कहा जाता था। इनके नाम हैं:- रुक्मणि, जाम्बवन्ती, सत्यभामा, कालिन्दी, मित्रबिन्दा, सत्या, भद्रा और लक्ष्मणा। 
 
 
1.श्रीकृष्ण-रुक्मिणी के पुत्र:- प्रद्युम्न, चारुदेष्ण, सुदेष्ण, चारुदेह, सुचारू, चरुगुप्त, भद्रचारू, चारुचंद्र, विचारू और चारू।
2.जाम्बवती-कृष्ण के पुत्र:- साम्ब, सुमित्र, पुरुजित, शतजित, सहस्त्रजित, विजय, चित्रकेतु, वसुमान, द्रविड़ और क्रतु।
3.सत्यभामा-कृष्ण के पुत्र:- भानु, सुभानु, स्वरभानु, प्रभानु, भानुमान, चंद्रभानु, वृहद्भानु, अतिभानु, श्रीभानु और प्रतिभानु।
 
4.कालिंदी-कृष्ण के पुत्र:- श्रुत, कवि, वृष, वीर, सुबाहु, भद्र, शांति, दर्श, पूर्णमास और सोमक।
5.मित्रविन्दा-श्रीकृष्ण के पुत्र:- वृक, हर्ष, अनिल, गृध्र, वर्धन, अन्नाद, महांस, पावन, वह्नि और क्षुधि।
6.लक्ष्मणा-श्रीकृष्ण के पुत्र:- प्रघोष, गात्रवान, सिंह, बल, प्रबल, ऊर्ध्वग, महाशक्ति, सह, ओज और अपराजित।
7.सत्या-श्रीकृष्ण के पुत्र:- वीर, चन्द्र, अश्वसेन, चित्रगुप्त, वेगवान, वृष, आम, शंकु, वसु और कुंति।
8.भद्रा-श्रीकृष्ण के पुत्र : संग्रामजित, वृहत्सेन, शूर, प्रहरण, अरिजित, जय, सुभद्र, वाम, आयु और सत्यक।
 
कृष्ण कुल का नाश : गांधारी के शाप के चलते भगवान श्री कृष्ण के कुल का नाश हो गया था। महाभारत युद्ध के बाद जब 36वां वर्ष प्रारंभ हुआ तो जाम्‍बवती नंदन साम्‍ब के कारण प्रभाष क्षेत्र में यादवों में मूसल युद्ध हुआ और सभी कृष्ण कुल के यदुवंसी आपस में ही लड़कर मारे गए।
 
 
यह देखकर बलरामजी ने समुद्र में जाकर समाधी ले ली तो श्रीकृष्ण एक वृक्ष के नीचे जाकर अकेले लेटे थे तब एक भील ने उन्हें हिरण समझकर एक तीर मारा जो उनके पैरों में लगा। उसी को बहाना बनाकर वे अपने धाम चले गए। 

 
अंत में कृष्ण के प्रपौत्र वज्र अथवा वज्रनाभ द्वारिका के यदुवंश के अंतिम शासक थे, जो यदुओं की आपसी लड़ाई में जीवित बच गए थे। द्वारिका के समुद्र में डूबने पर अर्जुन द्वारिका गए और वज्र तथा शेष बची यादव महिलाओं को हस्तिनापुर ले गए। कृष्ण के प्रपौत्र वज्र को हस्तिनापुर में मथुरा का राजा घोषित किया।

 
वज्रनाभ के नाम से ही मथुरा क्षेत्र को ब्रजमंडल कहा जाता है। उन्होंने महाराज परीक्षित और महर्षि शांडिल्य के सहयोग से संपूर्ण ब्रजमंडल की पुन: स्थापना की थी। वज्रनाभ द्वारा ब्रजमंडल में कृष्‍ण जन्मभूमि पर मंदिर सिहत अनेक मंदिरों का निर्माण कराया गया था। कहते हैं कि ब्रजनाभ अनिरुद्ध के पुत्र थे। अनिरुद्ध प्रद्युम्न के पुत्र थे।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Shani ka gochar: दशहरे के ठीक 1 दिन बाद होगा शनि का नक्षत्र परिवर्तन, 3 अक्टूबर से इन राशियों के शुरू होंगे अच्छे दिन

Diwali 2025 date: दिवाली कब है वर्ष 2025 में, एक बार‍ फिर कन्फ्यूजन 20 या 21 अक्टूबर?

Sharad purnima 2025: कब है शरद पूर्णिमा, क्या करते हैं इस दिन?

Monthly Horoscope October 2025: अक्टूबर माह में, त्योहारों के बीच कौन सी राशि होगी मालामाल?

October 2025 hindu calendar: अक्टूबर 2025 के प्रमुख व्रत-त्योहार, पुण्यतिथि और जयंती

सभी देखें

धर्म संसार

06 October Birthday: आपको 6 अक्टूबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 06 अक्टूबर, 2025: सोमवार का पंचांग और शुभ समय

Aaj Ka Rashifal: आज का दैनिक राशिफल: मेष से मीन तक 12 राशियों का राशिफल (05 अक्टूबर, 2025)

कोजागिरी शरद पूर्णिमा व्रत पर पढ़ें पौराणिक कथा

05 October Birthday: आपको 5 अक्टूबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

अगला लेख