बुध ग्रह के लिए पूजें संगमेश्वर महादेव को

69वें महादेव लिंग संगमेश्वर (बुध ग्रह के आधिपत्य)

ज्योतिर्विद सीता शर्मा
बुध ग्रह के लिए गन्ने के रस से पूजें संगमेश्वर महादेव को
FILE


पौराणिक कथा : स्कंदपुराण के अवंतिखण्ड में कलिंग देश का राजा सुबाहु मध्यांह में होने वाले प्रतिदिन के सिरदर्द से व्यथित रहता था। वह अज्ञात प्रेरणावश महाकाल वन स्थित उस स्थान पर स्नान करने गया जहां गंगा, नीलगंगा तथा क्षिप्रा का संगम हो रहा था। स्नान कर उसने संगम स्थल का जल पास में बने महादेव को अर्पित किया, जिसके प्रभाव से उसके सिर का दर्द समाप्त हो गया।

सुबाहु ने अपनी पत्नी विशालाक्षी को बताया कि पूर्व जन्म में वह शूद्र था तथा वेदों की निंदा करता था। इस कारण उसका अपने पुत्र और पत्नी से बिछोह हो गया था। अगले जन्म में क्षिप्रा नदी में कछुआ बनने तथा तुम्हारे कबूतरी बनने से हमारे बीच सामंजस्य बना हुआ था।

एक दिन मैंने तुम्हारे सिर पर जोर से मारा और तुम्हें संगमेश्वर के पास लाया। दर्शन करते-करते ही हम दोनों को एक ही पारथी ने मार दिया। पिछले जन्म के इन्हीं दोषों की वजह से मेरे सिर में दर्द रहा करता था। इस जन्म में हमारा इसी मंदिर में पुन: संगम हुआ इसलिए यह संगमेश्वर महादेव कहलाएंगें।

यह मंदिर उज्जैन में राम सीढ़ी पर स्थित है।

विशेष- शुक्ल पक्ष की पंचमी को पूजन और अभिषेक से अभीष्ट फल की प्राप्ति होती है। बुध ग्रह की शांति के लिए श्रावण मास में गन्ने के रस से रूद्राभिषेक करने से विशेष फल प्राप्त होता है।

दान- मूंग, कांस्य, पात्र, घी, मिश्री

वेबदुनिया पर पढ़ें

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Jagannath rath yatra date 2024 : जगन्नाथ रथ यात्रा 2024 की तारीख व मुहूर्त

ज्येष्ठ माह की अमावस्या कब है, कर लें इस दिन 5 उपाय, होगा कल्याण

Lok sabha election results 2024 : न्यूमरोलॉजी के अनुसार 4 जून 2024 को किसकी बनेगी सरकार

Vastu Tips : यदि घर की दक्षिण दिशा में ये एक कार्य किया तो लक्ष्मी रूठ जाएगी, यमराज होंगे प्रसन्न

बच्चे का नाम रखने की है तैयारी तो जानें क्या है बच्चे के नामकरण संस्कार की सही विधि

सभी देखें

धर्म संसार

01 जून 2024, शनिवार के शुभ मुहूर्त

Devshayani ekadashi 2024: देवशयनी एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा, जानें पूजा के शुभ मुहूर्त

01 जून 2024 : आपका जन्मदिन

Mangal Gochar : मंगल का मेष राशि में प्रवेश, 5 राशियों को मिलेगा हनुमानजी का आशीर्वाद

Ganga dussehra 2024: गंगा दशहरा और गंगा सप्तमी में क्या अंतर है?