श्री गुरु तेगबहादुरसिंह ने गुरु गद्दी पर बैठने के पश्चात आनंदपुर में एक नए नगर का निर्माण किया और उसके बाद वे भारत की यात्रा पर निकल पड़े। जिस तरह गुरु नानक देव ने सारे देश का भ्रमण किया था, उसी तरह गुरु तेगबहादुर को भी आसाम जाना पड़ा।
इस दौरान उन्होंने जगह-जगह सिख संगत स्थापित कर दी।
गुरु तेगबहादुर जी जब अमृतसर से आठ सौ किलोमीटर दूर गंगा नदी के तट पर बसे शहर पटना पहुंचे तो सिख संगत ने अपना अथाह प्यार प्रकट करते हुए उनसे विनती की कि वे लंबे समय तक पटना में रहें। ऐसे समय में नवम् गुरु अपने परिवार को वहीं छोड़कर बंगाल होते हुए आसाम की ओर चले गए।