जीवन में उल्लास बिखरेता लोहड़ी पर्व

गुरुबानी व कुर्बानी का पर्व

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पंजा ब क ा परंपराग त त्योहा र लोहड़ ी केव ल फस ल पकन े औ र घ र मे ं न ए मेहमा न क े स्वाग त क ा पर् व ह ी नही ं, य ह जीव न मे ं उल्ला स बिखरान े वाल ा उत्स व है । लोहड़ ी क े मौक े प र ऐस ा ह ी उत्सा ह औ र उमं ग पंजाब ी समा ज क ी विशेषत ा गुरुबान ी व कुर्बान ी क ा पर् व है । पंजाब ी हमेश ा गुर ू क ी बान ी औ र उनक े द्वार ा दि ए ग ए संस्कारो ं प र चलन े क ी कोशि श करत े है ं औ र कुर्बान ी मे ं भ ी आग े रहत े है ं चाह े व ह धर् म क े लि ए ह ो दे श क े लिए ।

लोहड़ ी क े दि न गुरुद्वारो ं मे ं भ ी इ स पर् व प र श्रद्धालुओ ं क ी विशे ष भी ड़ रहत ी है । गुरुद्वार ा बंगल ा साहि ब एव ं अन् य गुरुद्वारो ं क े सरोवरो ं मे ं लो ग डूबक ी लगाक र पुण् य प्राप् त करत े हैं । गुरुद्वारो ं मे ं विशे ष शब द कीर्त न भ ी हो‍त ा है । इ स उत्स व क े दि न क ा अनोख ा ह ी नजार ा रहत ा देत ा ह ै जिसमे ं श्रद्धालुज न यमुन ा स्ना न, गुरुद्वारो ं क े पवित् र सरोवरो ं मे ं स्ना न एव ं दा न- पुण् य मे ं मशगू ल रहत े हैं ।

मक र संक्रात ि स े पूर् व शा म क े सम य लो ग लकड़िया ं जलक र आ ग सेंकत े हु ए लो क गीतो ं क ा आनं द लेत े हैं । ढो ल क ी था प प र थिकरत े लो ग गिद्द ा औ र भांगड़ ा करत े हु ए लोहड़ ी पर् व मनात े हैं । इ स उत्स व क ो विशेषक र पंजा ब क े लोगो ं द्वार ा बड़ े उत्सा ह क े सा थ बनाय ा जात ा है । इ स अवस र प र खुश ी मनात े हु ए रेवड़ ी, गज क, मूंगफल ी एव ं गु ड चन ा बांटत े हु ए बधाइया ं द ी जात ी हैं । न र- नार ी, बाल क- वृद् ध सभ ी ए क सा थ इ स उत्स व मे ं नाचन े लगत े हैं ।

ND
वस्तुत ः इसक े पीछ े मक र संक्रात ि क ो प्रात ः का ल नदियो ं मे ं स्ना न करन े क े बा द आन े वाल े लोगो ं क े लि ए आ ग जलाक र रखन े क ा धार्मि क महत् व भ ी छिप ा हु आ है । भार त क ी लो क संस्कृत ि मे ं परोपका र क ी भावन ा निहि त होत ी है । दे श भ र मे ं लोहड़ ी क ी धू म मच ी रहत ी है । लो ग ढो ल नगाड़ो ं क े सा थ मस्त ी मे ं झूमत े हु ए ए क- दूसर े क ो बधा ई देत े हैं ।

पंजाब ी लो ग जहा ं भ ी जात े है ं अपन े गी त, त्योहा र औ र संस्कृत ि स े हमेश ा जुड़ े रहत े हैं । पंजा ब क ा आदम ी कही ं भ ी रह े व ह अपन ी मेहन त स े अपन ी पहचा न बन ा लेत ा है । पंजाब ी समा ज दे श- प्रदे श व समा ज क े विका स मे ं महत्वपूर् ण भूमिक ा निभात ा आ रह ा है । लोहड़ ी जैस े परंपराग त त्योहा र सभ ी क ो उत्सा ह व उमं ग स े भ र देत े हैं । इ स त्योहा र क े माध्य म स े समा ज मे ं आपस ी मे ल- मिला प व भाईचार ा बढ़त ा है । ऐस ा लगत ा ह ै क ि पूर ा पंजा ब उमड़क र ए क जग ह आ गय ा हो ।

लोहड़ ी खुशहाल ी क ा संदे श लेक र आत ी है । न ए सा ल क ा य ह पहल ा त्योहा र लोगो ं क े दिलो ं क ो खुशियो ं स े भ र देत ा है ।

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