मंगलनाथ : जहां उत्पत्ति हुई है मंगल की

Webdunia
डॉ. राजशेखर व्यास 

अंकपात के निकट‍ शिप्रा तट के तीरे मंगलनाथ का मंदिर है। मत्स्य पुराण में लिखा है कि 'अवन्त्यांच कुजोजातों मगधेच हिमाशुन:'। तथा संकल्प में अवन्तिनदेशोतभव भो भोम' इत्यादि अनेक प्रमाणों से मंगल की जन्मभूमि उज्जैन जानी जाती है। ('यत्रहि मंगल जनिभू: सावती मंगल स्थिते र्हेतु:')।











यहां मंगल की उत्पत्ति हुई है अत: सर्वदा मंगल ही होता रहता है। संभवत: कभी मंगल ग्रह की खोज यहां से हुई होगी, ऐसी हमारी मान्यता है। यह बड़ा रम्य स्थल है। मंगलवार को दिनभर पूजन रहता है। यात्रा भी होती है। वैशाख मास में यात्रा भी लगती है। मंगलवार की अमावस्या को जनता यहां स्नान-दान कर दर्शन करती है। यहां मंगल की माता पृथ्वी का मंदिर भी है। संभवत: यह पहला मंदिर ही होगा पृथ्वी का मंदिर कहीं और सुनने में नहीं आता। मंगलनाथ में भात पूजा करने से मंगल दोष दूर होते हैं। मंगलनाथ के पास ही अंगारेश्वर का शिवलिंग है इनकी गिनती 84 महादेव में की जाती है। इसी के निकट इंदौर के सरदार किबे साहब का एक बड़ा एवं सुंदर 'गंगा-घाट' है। इस स्थान से शिप्रा का निर्मल जल और प्रकृति के मोहक दृश्य का ऐसा सुंदर-मादक चित्र नेत्र के सामने उपस्थित होता है कि क्षण के लिए अशांत चित्त भी शांत और प्रफुल्लित हो जाता है। 

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

क्या इस बार 2 दिन बंधेगी राखी? जानें कब मनाया जाएगा रक्षाबंधन का शुभ पर्व

रक्षाबंधन, राखी पर शेयर करें ये 10 खूबसूरत संदेश

रक्षाबंधन पर भूलकर भी न दें बहनों को ये 7 गिफ्ट्स, वरना रिश्ते में आ सकती है दरार

रक्षाबंधन की तैयारियां: घर को सजाने से लेकर मिठाइयों तक

कितने दिनों बाद उतारनी चाहिए कलाई पर बंधी राखी? जानें पारंपरिक नियम

सभी देखें

धर्म संसार

07 अगस्त 2025 : आपका जन्मदिन

07 अगस्त 2025, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

यहां पर आदिवासी समाज साढ़े 3 माह तक मनाते हैं राखी का पर्व

भाई के कौन से हाथ में बांधना चाहिए राखी?

16 अगस्त को होगी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, जानें क्यों और कैसे मनाएं?

अगला लेख