Solar eclipse in america 2024 : वर्ष 2024 में 3 सूर्य ग्रहण लगने वाले हैं। पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल, दूसरा सोलर एक्लिप्स 18 सितंबर को और तीसरा सूर्यग्रण 2 अक्टूबर को लगेगा। तीनों ही सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई देंगे या नहीं। 8 अप्रैल 2024 को वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण रहेगा। इस ग्रहण के कारण अमेरिका में चिंता फैल गई है। क्योंकि यहां पर पूर्णरूप से अंधेरा छाने वाला है और एक 'शैतान' भी नजर आने वाला है।
खग्रास सूर्य ग्रहण 2024- khandagras surya grahan 2024:-
8 अप्रैल 2024 सोमवार को रहेगा खग्रास सूर्य ग्रहण। यह एक पूर्ण सूर्य ग्रहण यानी कि खग्रास सूर्य ग्रहण होगा, जो मीन राशि और रेवती नक्षत्र में लगेगा।
खग्रास सूर्य ग्रहण का समय : यह सूर्य ग्रहण भारतीय समय के अनुसार 8 अप्रैल की रात 9 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगा जबकि अमेरिका के हिसाब से उस समय दोपहर करीब सवा 2 बज रहे होंगे। इसका समापन भारतीय समय के अनुसार मध्य रात्रि में 01:25 बजे होगा।
छा जाएगा अंधेरा : ग्रहण के दौरान एक ऐसा समय होगा जबकि साढ़े 7 मिनट के लिए पूरा अंधेरा छा जाएगा। सूर्य ग्रहण की इतनी लम्बी अवधि 50 सालों बाद लगने जा रही है।
सूर्य ग्रहण की अवधि : सूर्य ग्रहण की कुल अवधि: 4 घंटे 25 मिनट रहेगी।
सूतक काल : इस सूर्य ग्रहण का सूतक काल भारत में मान्य नहीं होगा, क्योंकि यह भारत में नजर नहीं आएगा, लेकिन जहां दिखाई देगा वहां सूतक काल मान्य होगा। सूर्य ग्रहण के 12 घंटे पूर्व ही सूतक काल प्रारंभ हो जाता है। अमेरिका में इस सूर्य ग्रहण का सूतक 8 मार्च की रात 2 बजकर 25 मिनट से मान्य हो जाएगा।
कहां दिखाई देगा यह खग्रास सूर्य ग्रहण 2024 : यह सूर्य ग्रहण उत्तरी अमेरिका (अलास्का को छोड़कर), कनाडा, मध्य अमेरिका, दक्षिण अमेरिका के उत्तरी भागों में, आर्कटिक, मेक्सिको, पश्चिमी यूरोप, पेसिफिक, अटलांटिक, इंग्लैंड के उत्तर पश्चिम क्षेत्र में, आयरलैंड में दिखाई देगा। यह ग्रहण खासकर अमेरिका में ज्यादा दृश्यमान होगा।
टेंशन में अमेरिका : 50 साल बाद ऐसा होगा कि इस ग्रहण के चलते एक बहुत बड़े भू भाग पर अंधेरा छा जाएगा। खबरों के मुताबिक इसके चलते अमेरिका के लोग डरे हुए हैं। दरअसल ग्रहण को लेकर सभी लोगों के मन में सवाल होते हैं कि इसका अच्छा प्रभाव होगा या बुरा, यही डर का एक कारण रहता है। डर का एक कारण यह भी है कि ग्रहण के दौरान एक धूमकेतु के नजर आने की चर्चा भी हो रही है। इसे शैतान कहा जा रहा है। इसी दौरान बृहस्पति और शुक्र ग्रहों को भी सीधे देख सकेंगे।
पी12 धूमकेतु का नाम है शैतान : आधिकारिक तौर पर पी12 के नाम से जाने वाले वाले इस धूमकेतु को शैतान धूमकेतु नाम इसकी शक्ल के चलते दिया गया है। पिछले वर्ष इसमें एक विस्फोट हुआ था जिसके चलते गैस और बर्फ के दो निशान बन गए थे जो किसी सींग की तरह दिखाई दे रहे हैं। एवरेस्ट पर्वत से तीन गुना ये धूमकेतु पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा है। अंदाजा लगाया जा रहा है कि सूर्यग्रहण के दौरान सूर्य के करीब होने के चलते इसे नंगी आंखों से भी देखा जा सकेगा।
स्कूल कॉलेजों की छुट्टी : सूर्य ग्रहण से प्रभावित क्षेत्रों में अमेरिकी सरकार और प्रशासन कई कदम उठा रहे हैं। यहां के स्कूल और कॉलेजों की छुट्टी कर दी गई है। संयुक्त राज्य अमेरिका के हेज काउंटी, डेल वैले, मनोर और लेक ट्रैविस स्कूल में पहले ही छुट्टी घोषित कर दी गई है। अमेरिकी सरकार यह जानती है कि इस दुर्लभ घटना को देखने के लिए लाखों लोग सड़कों पर उतरेंगे इसलिए अभी से सुरक्षा इंतजाम किए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि सूर्यग्रहण के दौरान एनर्जी प्रॉडक्शन को नुकसान हो सकता है।