ऐसे बंद होगी लुईस सुआरेज की बाइटिंग

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रियो डि जेनेरियो। ओलिंपिक एथलीटों और पेशेवर खिलाड़ियों के साथ एक दशक तक काम कर चुके मनोचिकित्सक डॉ. लेह लागोस का मानना है कि भले ही उरुग्वे के स्टार स्ट्राइकर लुईस सुआरेज को विश्व कप के दौरान ‘दांतों से काटने’ के कारण 4 महीने के लिए प्रतिबंधित कर दिया हो लेकिन इस आदत से उबरना आसान प्रक्रिया नहीं होगी जिसमें लंबा समय लगेगा।

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सुआरेज को इटली के खिलाफ विश्व कप ग्रुप मैच में प्रतिद्वंद्वी डिफेंडर जार्जियो चिलिनी को दांत से काटने के लिए फीफा ने 4 महीने के लिए सभी फुटबॉल गतिविधियों से प्रतिबंधित कर दिया। वे पहले भी 2 बार इस तरह की हरकत के लिए प्रतिबंधित किए जा चुके हैं।

डॉ. लागोस उन खिलाड़ियों के साथ काम करते हैं जिन्हें अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखने में मुश्किल आती है। उन्होंने एक वेबसाइट को दिए साक्षात्कार में कहा कि सुआरेज विपक्षी टीमों के खिलाड़ियों को दांतों से काटने की आदत को रोकना सीख सकता है, लेकिन यह तेज प्रक्रिया नहीं होगी और यह इतना आसान भी नहीं होगा।

डॉ. लागोस ने कहा कि हालांकि ‘बाइटिंग’ बचपन में आम बात होती है, लेकिन वयस्कों में यह बहुत कम देखने को मिलती है। यह किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकती है। उन्होंने कहा कि इस तरह के मुद्दों में थैरेपी और बायोफीड बैक के 6 महीने से कम समय में सुधार हो सकता है, लेकिन स्थायी रूप से इस तरह के बर्ताव को ठीक होने में काफी लंबा समय लगेगा।

डॉ. लागोस ने कहा कि दबाव में भावनाओं पर काबू रखना बहुत मुश्किल कौशल है और यह ऐसी प्रतिभा है जिसे ज्यादातर एथलीटों को सीखना होता है। लोग आमतौर पर यह नहीं समझते कि यह कितना मुश्किल होता है। (भाषा)

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