बुरे वक्त में भी भाग्यशाली हैं महेंद्र सिंह धोनी

वेबदुनिया डेस्क

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भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का क्रिकेट भाग्य जिसे 'मिडास टच' भी कहा गया, वह किसी से छुपा नहीं है। सभी जानते हैं कि किस तरह 2007 में धोनी को वीरेंद्र सहवाग और युवराज सिंह जैसे सीनियर खिलाड़ियों के टीम में होते हुए टी 20 टीम का कप्तान बनाया गया था और इसके बाद धोनी के टी-20 वर्ल्ड कप भारत की झोली में डालकर अपनी कप्तानी का लोहा मनवा लिया।

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धोनी को कप्तानी प्रायोगिक तौर पर दी गई थी, लेकिन क्रिकेट बोर्ड के इस प्रयोग में धोनी ने बेहतरीन परफॉर्म करके दिखाया और देखते ही देखते वे वनडे और टी-20 टीम के कप्तान भी बन गए। धोनी का 'लक' सिर्फ उनकी सफलता में ही साथ नहीं देता है, बल्कि जब धोनी असफल होते हैं, तब भी किस्मत उन पर मेहरबान होती है।

इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा सीरीज में धोनी की कप्तानी की आलोचना हो रही है। टीम इंडिया टेस्ट सीरीज में 1-2 से पीछे है और जिस तरह से भारतीय टीम लॉर्ड्‍स टेस्ट में जीतने के बाद पिछले दो टेस्ट में शिकस्त झेली है, उसके लिए धोनी की कप्तानी को निशाना बनाया जा रहा है। धोनी विदेशी में सर्वकालिक असफल कप्तान बनने की राह पर भी हैं। इस बार कप्तानी सचमुच खतरे में है।

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इतिहास गवाह है कि धोनी के बुरे दौर में भी 'लक' उनके साथ रहा है और भारी असफलता के बावजूद धोनी की कप्तानी बरकार रही है। वर्ष 2011-12 के दौरान भारतीय टीम के इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय टीम को करारी हार मिली।

लगातार आठ टेस्ट हार से टीम का मनोबल कमजोर हुआ। इंग्लैंड दौरे पर तो टीम किसी भी फॉर्मेट में एक मैच भी नहीं पाई। कप्तान धोनी सभी के निशाने पर थे, लेकिन उन्हें कप्तानी से हटाया नहीं जा सका। इसका कारण यह था कि धोनी के बाद वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर टीम में कप्तानी के दावेदार थे, लेकिन इसे धोनी का लक कहें या सहवाग और गंभीर का बेड लक, उस समय सहवाग और गंभीर लगातार खराब फॉर्म में थे। ऐसे में धोनी को कप्तानी से हटाकर किसे कप्तान बनाते?

हद तो तब हो गई जबकि टीम इंडिया 2012 में इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज भी हार गई। तब भी धोनी की कप्तानी को जिम्मेदार माना गया, लेकिन सहवाग और गंभीर के साथ साथ टीम के अन्य सीनियर खिलाड़ी भी फॉर्म में नहीं थे तो चयनकर्ता धोनी के स्थान पर कप्तान किसे बनाते?

आज के हालात भी कुछ ऐसे ही हैं। टीम इंडिया की करारी हार के बाद अगर धोनी से कप्तानी छीन भी ली जाए तो धोनी के उत्तराधिकारी विराट कोहली का वर्तमान फॉर्म ऐसा नहीं है कि उन्हें टेस्ट टीम की बागडोर सौंपी जाए। कोहली इस इंग्लैंड दौरे में बुरी तरह फ्लॉप रहे हैं और उनके फॉर्म को देखकर उन्हें कप्तानी नहीं दी जा सकती।


याने भारतीय टीम अगर इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज हार भी जाए तो आने वाले दिनों में धोनी ही टीम के कप्तान होंगे, क्योंकि उनके बतौर कप्तान जो खिलाड़ी रिप्लेस कर सकते हैं, वे खुद फॉर्म में नहीं हैं। कहा जा सकता है कि धोनी का भाग्य उनकी असफलता में ही नहीं, बल्कि असफलता में भी उनके साथ होता है। तभी तो जब जब धोनी टीम के कमजोर कप्तान लगते हैं, तब तब उनकी सैकंड लाइन के खिलाड़ी आउट ऑफ फॉर्म हो जाते हैं। भाग्यशाली धोनी।

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