विदेशी खिलाड़ियों की हो सकती है कटौती

Webdunia
मंगलवार, 2 सितम्बर 2008 (15:21 IST)
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के अध्यक्ष प्रियरंजन दासमुंशी ने आज यहाँ कहा कि घरेलू खिलाड़ियों को अधिक से अधिक मौका प्रदान करने के लिए भविष्य में देश की पहली पेशवेर आई लीग से विदेशी फु टब ॉलरों को कम करने पर विचार किया जा रहा है।

दासमुंशी ने हरियाणा लीग की घोषणा के दौरान कहा हमारे देश में काफी प्रतिभायें मौजूद हैं सिर्फ उन्हें तराशने की जरूरत है इसलिए हम अपने घरेलू खिलाड़ियों को ज्यादा से ज्यादा मौका प्रदान करने के लिए अगले साल से आई लीग में विदेशी फुटबॉलरों की तादाद कम करने पर विचार कर रहे हैं।

एआईएफएफ ने 12 साल तक राष्ट्रीय फुटबॉल लीग (एनएफएल) कराने के बाद पिछले साल ही पेशेवर आई लीग आयोजित करने का फैसला था, जिसमें प्रत्येक क्लब को चार विदेशी खिलाड़ी रखने की अनुमति दी गयी थी लेकिन इनमें से मैच के दौरान केवल तीन ही मैदान पर उतर सकते थे।

राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के कप्तान बाईचुंग भूटिया हालाँकि नहीं मानते कि विदेशी खिलाड़ियों से घरेलू फुटबॉलरों को कोई नुकसान हो रहा है। भूटिया ने कहा था विदेशी फु टब ॉलरों से घरेलू खिलाड़ियों को कोई नुकसान नहीं हो रहा है। अगर किसी में प्रतिभा है तो उसे किसी से कोई परेशानी नहीं होनी चाहि ए, इसलिए विदेशी खिलाड़ी किसी का हक नहीं छीन रहे हैं।

दासमुंशी ने यह भी कहा कि विश्व कप में पहुँचना आसान नहीं हैं और हमारे खिलाड़ियों के पिछड़ने के दो कारण हैं। उन्होंने कहा हमारी फुटबाल अभी तक एमेच्योर ही थी। पिछले 12 साल तक एनएफएल खेलने के बाद हम पिछले साल ही पेशेवर लीग में प्रवेश कर पाये। जापान इरान और दक्षिण कोरिया जैसी टीमें पेशेवर हैं और इसलिए हमें उनके बराबर आने में समय लगेगा।

दासमुंशी ने कहा अगर आप एशिया कप को ही देखो तो इसमें एशिया की सर्वश्रेष्ठ 16 टीमें हिस्सा लेती हैं जिसमें सऊदी अरब जैसी टीमों के सामने भी हम कमजोर होते हैं, इसलिए अगर हमें आगे बढ़ना है तो सबसे पहला कदम है पेशेवर होना।
उन्होंने कहा दूसरा हमारे पास धन राशि की कमी है। फुटबॉलरों को सुविधायें प्रदान करने के लिए पैसे की जरूरत होती है।

दासमुंशी ने कहा राष्ट्रीय कोच बाब हाटन ने कहा है कि खिलाड़ियों का शारीरिक रूप से फिट होना जरूरी है। हरियाणा की प्रतिभाओं के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा बाब ने कहा कि हरियाणा में मजबूत खिलाड़ी मौजूद हैं और वे शारीरिक रूप से फिट भी होते हैं। इसलिए हमें उन्हें निखारने की जरूरत है। वहाँ पर खिलाड़ियों में फिटनेस कुदरती होती है। उन्होंने कहा कि कोरपोरेट घराने भी फुटबॉल के लिए आगे आ रहे हैं, इसलिए यह हमारे लिए फायदेमंद साबित होगा।

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